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Goa Liberation Day 2024 : क्यों मनाया जाता है गोवा मुक्ति दिवस, जानें इतिहास

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 19 दिसंबर 2024 (10:05 IST)
Goa Liberation Day: हर साल 19 दिसंबर का दिन 'गोवा मुक्ति दिवस' के रूप में मनाया जाता है। तथा यह दिवस सन् 1961 में पुर्तगाली शासन से गोवा राज्य की मुक्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भारत में यह दिन 19 दिसंबर को गोवा, दमन और दीव की मुक्ति दिवस के तहत मनाया जाता है। 

Highlights
  • गोवा मुक्ति संग्राम से आप क्या समझते हैं?
  • गोवा, दमन और दीव मुक्ति दिवस कब मनाया जाता है?
  • गोवा मुक्ति संग्राम दिवस आज।
आपको बता दें कि यह दिन भारतीय सेना के शौर्य, साहस और बलिदान का प्रतीक स्वरूप है, क्योंकि आज ही के दिन जब 1961 में, भारतीय वीर जवानों ने पुर्तगालियों की सेना को हरा कर गोवा, दीव और दमन को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराया था। यह भारत के लिए ऐतिहासिक विजय का दिन है, जो आज मनाया जा रहा है। गोवा मुक्ति संग्राम दिवस हमें हमारी एकता, स्वतंत्रता और सांस्कृतिक गौरव का सम्मान करने की प्रेरणा देता है।
 
गोवा मुक्ति दिवस का इतिहास : भारत की आजादी के 14 वर्षों के बाद 19 दिसंबर 1961 को गोवा भारत में शामिल हुआ और तभी से हर साल 19 दिसंबर का दिन 'गोवा मुक्ति दिवस' के रूप में भारतभर में सेलिब्रेट करते हैं। यह दिन गोवा, दीव और दमन की मुक्ति तथा उसके स्वराज के लिए संघर्ष का रास्ता अपना कर भारतीय सेनानियों ने आंदोलन करके इन्हें स्वतंत्र किया, अत: गोवा मुक्ति दिवस के इस संघर्ष में बलिदान देने वाले उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को सादर नमन करता है। और इस तरह स्वतंत्र भारत बनने के 14 साल बाद गोवा को पुर्तगाली शासन से आजादी मिली थी, जिसके लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने संयुक्त कार्रवाई की थी।
 
गोवा पर हमला कब हुआ था : जब मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों ने सबसे पहले गोवा पर हमला किया था, हालांकि गोवा को मुक्त कराने के लिए यूसुफ आदिल खां ने उन पर हमला किया। जिसके बाद पुर्तगाली घबरा कर भाग गए। तब 18 दिसंबर, 1961 को सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन विजय' 36 घंटे तक चला, जिसमें भारतीय वायु सेना, नौसेना और भारतीय सेना के हमले शामिल थे।

पुर्तगालियों से भारत को आजाद कराने के बाद अल्बुकर्क ने इस पर फिर से कब्जा जमा लिया। और 1809-1815 के बीच नेपोलियन ने पुर्तगालियों पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद 1947 तक गोवा अंग्रेजों के कब्जे में रहा। और फिर 1961 में भारत का हिस्सा बना।
 
बता दें कि गोवा पर लंबे समय तक पुर्तगालियों का शासन रहा। आजादी के 14 साल बाद 1962 में गोवा भारत का हिस्सा बना। गोवा की राजधानी पणजी है। जिसमें भारतीय सेनाओं ने 19 दिसंबर, 1961 को ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत पुर्तगालियों को गोवा छोड़कर जाने पर मजबूर किया गया था। हालांकि गोवा अपना स्थापना दिवस 30 मई, 1987 को मनाया जाता है। पुर्तगालियों ने भारत पर 450 सालों तक राज किया था।

इसके बाद से इस ऐतिहासिक दिन को सम्मान से गोवा मुक्ति दिवस के रूप में मनाते हैं। आज गोवा पर्यटन स्थल के रूप में देश-विदेश में प्रसिद्ध है, तथा गोवा की नाइट लाइफ, बीचेस, खान-पान और एडवेंचर स्पोर्ट पर्यटकों को बहुत रोमांचित करता है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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