Biodata Maker

18 सितंबर : अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस आज, जानें इतिहास और महत्व

WD Feature Desk
बुधवार, 18 सितम्बर 2024 (15:15 IST)
Highlights 
 
अंतरराष्‍ट्रीय समान वेतन दिवस कब मनाया जाता है। 
क्‍यों मनाया जाता है अंतरराष्‍ट्रीय समान वेतन दिवस। 
अंतरराष्‍ट्रीय समान वेतन दिवस के बारे में जानें।
 
International Equal Pay Day In Hindi : प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस हर साल 18 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले समान कार्य के लिए समान वेतन के अंतर को कम करना है। हम 21वीं सदी में जी रहे हैं लेकिन आज भी मानसिकता में बदलाव की जरूरत है। 
 
आज भी महिलाएं और लड़कियां लैगिंक भेद का शिकार होती है। समान काम के लिए भी महिलाओं को बराबर वेतन नहीं दिया जाना कौन से विकसित देश की परिभाषा है? अत: इसके लिए एक पहल शुरू गई, जिसके तहत हर साल 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाया जाता है। यहां गौरतलब है विश्‍वभर में महिलाओं को समान काम के लिए कम वेतन दिया जाना एक आम बात मानी जाती है। 
 
इतिहास : पहली बार 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा/ यूएनजीए ने 15 नवंबर 2019 को की थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाने का फैसला लिया गया था और 105 सदस्य देशों द्वारा यह प्रस्ताव सह-प्रायोजित था। इसके बाद ही सदस्य देशों की सहमति के बाद इसे मनाने का फैसला लिया गया। उसके बाद से ही हर साल 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है तथा 2020 से इसे लगातार मनाया जा रहा है।
 
आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के आंकड़ों के अनुसार समूची दुनिया में आज भी महिलाओं को पुरुषों से करीब 23 फीसदी वेतन कम मिलता है। महिला और पुरुष के बीच इस खाई को कम करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक करीब 257 साल लग सकते हैं। जिस तरह से असमान वेतन महिलाओं को दिया जाता है इससे भेदभाव की खाई और भी अधिक गहरी होने लगेगी। इसी कारण लोगों को जागरूक करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र महिला संगठन द्वारा #stoptherobbery अभियान चलाया गया था।   
 
आपको बता दें कि जहां एक और देश के विकास की बात होती है लेकिन असमानता खत्‍म नहीं होती है। तथ्‍यात्‍मक उदाहरण हमारे सामने है। साल 2018 में वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम के जेंडर गैप इंडेक्‍स में भारत 108वें पायदान पर था। साल 2020 में भारत 112वें पायदान पर पहुंच गया है। मतलब जहां एक ओर विकास की बात की जा रही है दूसरी ओर असमानता की गहराई भी बढ़ती जा रही है। 
 
संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक कोरोना काल में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए। वहीं उनका कहना है कि जिस तरह से अर्थव्‍यवस्‍था पर कोविड का असर हुआ था इस वजह से भारत वैश्विक स्‍तर रैंकिंग में और भी गिर सकता है। वहीं किसी देश को विकसित देशों की श्रेणी में आने के लिए इस असमानता की खाई को कम करना होगा। 
 
मॉन्स्टर सैलरी इंडेक्‍स 2019 के अनुसार महिलाएं पुरुषों की तुलना में 19 फीसदी कम पैसे कमाती है। वहीं 2018 के सर्वेक्षण में सामने आया कि जहां पुरुषों को प्रतिघंटा वेतन 242.49 रुपए मिले वहीं महिलाओं को 196.3 रुपए मिले। मतलब 46.19 रुपए महिलाओं को कम मिले। 

संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक समान वेतन मानवाधिकार और लैंगिक समानता के लिए जरूरी है। हालांकि जमीनी स्‍तर पर इस अंतर को कम करने के लगातार प्रयास की जरूरत होगी। अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों की चाल भी काफी कम रही है। अत: विकसित देशों की सूची में आने के लिए असमानता और लैंगिक भेदभाव को कम करना ही इसका उद्देश्य है। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Remedies for good sleep: क्या आप भी रातों को बदलते रहते हैं करवटें, जानिए अच्छी और गहरी नींद के उपाय

Chest lungs infection: फेफड़ों के संक्रमण से बचने के घरेलू उपाय

क्या मधुमक्खियों के जहर से होता है वेरीकोज का इलाज, कैसे करती है ये पद्धति काम

Heart attack symptoms: रात में किस समय सबसे ज्यादा होता है हार्ट अटैक का खतरा? जानिए कारण

Lactose Intolerance: दूध पीने के बाद क्या आपको भी होती है दिक्कत? लैक्टोज इनटॉलरेंस के हो सकते हैं लक्षण, जानिए कारण और उपचार

सभी देखें

नवीनतम

Amla Navami Recipes: इन 5 खास व्यंजनों से मनाएं आंवला नवमी, मिलेगा देवी लक्ष्मी का आशीष

Sahasrabahu Jayanti: कौन थे सहस्रबाहु अर्जुन, उनकी जयंती क्यों मनाई जाती है, जानें जीवन परिचय और योगदान

Chhath Puja Healthy Food: छठ पूजा के बाद खाएं ये 8 पारंपरिक व्यंजन, सेहत को मिलेंगे अनेक फायदे

Chhath Festival Essay: प्रकृति और लोक आस्था की उपासना के महापर्व छठ पर पढ़ें रोचक हिन्दी निबंध

Chhath Puja 2025: पीरियड (मासिक धर्म) में छठ पूजा कैसे करें या क्या करें?

अगला लेख