WorldAIDSDay: दुनिया भर में हर साल 01 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहला विश्व एड्स दिवस सन् 1988 में मनाया गया था, जिसका उद्देश्य एचआईवी और एड्स के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना तथा इस रोग के प्रति लोगों को सचेत करके इस बीमारी से उनका बचाव करना है। बता दें कि वर्ष 1988 के बाद से 01 दिसंबर को हर साल यह दिन मनाया जाता है। इस बीमारी को सन् 1982 में AIDS नाम मिला था। दरअसल, एचआईवी एड्स एक लाइलाज बीमारी है और इससे बचाव ही इस रोग एकमात्र उपचार है।
Highlights
कब है एड्स जागरूकता दिवस?
विश्व एड्स दिवस वर्ष 2024 की थीम जानें।
2024 में कब मनाया जाएगा एड्स जागरूकता दिवस।
आइए यहां जानते हैं एड्स जागरूकता दिवस के बारे में...
एड्स जागरूकता दिवस का इतिहास : आपको बता दें कि इस बीमारी को एड्स (AIDS) नाम वर्ष 1982 में मिला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी को लेकर पहला केस वर्ष 1981 में सामने आया था और इस भयावह रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ही World Health Organization द्वारा विशेष कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं। तथा तब से लेकर अब तक अनगिनत लोग इस रोग के शिकार हो चुके हैं तथा HIV इंफेक्शन से होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण यह रोग है।
जानकारी के अनुसार शुरुआत में एड्स को एक होमोसेक्सुअल लोगों की बीमारी समझा जाता था और इसे समलैंगिक लोगों में पाई जाने वाली रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी यानी जीआरआईडी या गे-रिलेटेड इम्यून डेफिसिएंसी (Gay-Related Immune Deficiency, GRID) समझा गया। तत्पश्चात 29 अप्रैल 1984 को अमेरिकन हेल्थ और ह्यूमन विभाग (US Department of Health and Human Services) ने एड्स (AIDS) के कारण के तौर पर 'रेट्रोवायरस', और जिसे बाद में एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus, HIV) नाम दिए जाने की घोषणा कर दी।
सबसे पहले वर्ष 1988 में विश्व एड्स दिवस की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन में दो सार्वजनिक सूचना अधिकारी रहे जेम्स डब्ल्यू. बन्न और थॉमस नेटर ने की थी। और ये दोनों एड्स रोग पर वैश्विक कार्यक्रम में कार्यरत करते थे।
एड्स पहली एक ऐसी बीमारी थी, जिसके लिए सन् 1988 में पूरी दुनिया ने एकसाथ होने के लिए 1 दिसंबर का दिन चुना और तब से यह दिन हमें एड्स रोग के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की प्रेरणा देता है और इसी रोग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ही यह दिन मनाया जाता है। प्रतिवर्ष विश्वभर में एड्स जागरूकता दिवस 1 दिसंबर को 'विश्व एड्स दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
एड्स रोग का बचाव कैसे करें :
* आपको बता दें कि विश्व एड्स दिवस दुनियाभर के सभी लोगों के लिए वह खास समय है, जो हमें एचआईवी एड्स के बारे में जानने तथा इस लाइलाज बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने का एक मौका देता, जिससे इस भयावह तथा खतरनाक बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।
* एड्स की सही जानकारी लोगों में ना होने तथा रोग से ग्रसित व्यक्ति के प्रति भेदभाव करने के कारण उक्त रोगी की जिंदगी नर्क के समान बन जाती है। अत: इन लोगों के प्रति भेदभाव न करके उन्हें इस रोग से बचाव का रास्ता मिल सकता है।
* बता दें कि एचआईवी या एड्स संक्रमित व्यक्ति के साथ उठने-बैठने, उसके साथ भोजन करने तथा उसे छूने से यह रोग बिलकुल भी नहीं फैलता है, बल्कि यह रोग तो सिर्फ संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने और उसके साथ यौन संबंध बनाने से फैलता है।
* इस रोग के प्रति सबसे जरूरी और अहम् बात यह है कि सोशल मीडिया तथा जैसे- सोशल नेटवर्किंग, सोशल न्यूज, मीडिया शेयरिंग, बुकमार्किंग, ब्लॉगिंग, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, व्हाट्सअप ग्रुप, आदि माध्यमों की सहायता से एड्स की सही जानकारी स्वयं इकट्ठा करके लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने से ही एचआईवी से पीड़ित लोगो को बल मिलेगा तथा उन्हें इस रोग से लड़ने के लिए उनका मनोबल मजबूत होगा।
विश्व एड्स दिवस 2024 की थीम क्या है : World Aids Day 2024 Theme
आपको बता दें कि प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी 'विश्व एड्स दिवस' के लिए एक नई थीम रखी गई है और वर्ष 2024 में इस दिन की थीम 'सही मार्ग अपनाएं' (Take the right path) के तहत यह दिन मनाया जा रहा है। जिसका अर्थ एचआईवी तथा एड्स महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालना तथा मानव अधिकारों की रक्षा और संवर्धन करना है।
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