भारत देश पर कविता : तुझको मेरा नमन है...

श्रीमती इन्दु पाराशर
* नमन

हे जन्म-भूमि मेरी, 
तुझको मेरा नमन है।
दुनिया से खूबसूरत‍, 
मेरा यही चमन है।
 
सागर जिन्हें पखारें,
तेरे युगल चरण हैं।
जो भाल पर मुकुट है,
हिमगिरि के वे शिखर हैं।
 
माता के दूध जैसी, 
गंगा-जमना की धारा।
आंचल तेरा फहरता,
आसाम है हमारा।
 
दायां जो तेरा बाजू,
गुजरात, कच्छ भुज है।
संसार से निराली,
दिल्ली में तेरा दिल है।
 
हे जन्म-भूमि मेरी, 
तुझको मेरा नमन है।
दुनिया से खूबसूरत‍, 
मेरा यही चमन है।
साभार - बच्चो देश तुम्हारा 
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