स्वतंत्रता दिवस 2018 पर निबंध: आइए मनाएं आजादी का 72वां साल

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वर्षो तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद आज ही दिन 15 अगस्त 1947 को हमारा देश भारत आजाद हुआ था। सालों तक हम भारतवासियों ने अंग्रेजों के अत्याचार और अमानवीय व्यवहार को सहा है। जिसके बाद भारत की जनता से खुद को इस अत्याचार से आजाद करने की ठान ली।  सभी एकजुट हो गए और खुद को और अपने देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने का साहस जुटाया।
 
अंग्रेजों को हमारे देश से बाहर करके अपने देश को आजादी दिलवाने के लिए देश के अनेक वीरों ने प्राणों की बाजी लगाई, गोलियां खाईं और अंत में आखिरकार हम आजादी पाने में सफल हुए।
 
15 अगस्त की तारीख को हमारा देश आजाद हुआ, इसलिए इस दिन का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन हम स्वतंत्रता हुए इसिलिए इसे स्वतंत्रता दिवस कहते हैं।
 
भारत को आजाद कराने ने बहुत सारे लोगों को योगदान रहा है। कईयों ने अपनी जान की बाजी तक लगाई लेकिन कुछ ऐसे नाम है जिनका योगदान इतना महत्वपूर्ण है कि इन्हें हमाशा याद किया जाता है। इन्हें में से कुछ नाम हैं सुभाषचंद्र बोस, भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, गांधीजी, इत्यादी।
 
इस साल 2018 को हम अपनी आजादी का 72वां जश्न मनाएंगे। इस दिन को हम भारतवासी बड़े ही उत्साह और प्रसन्नता के साथ मनाते आ रहे हैं। इस दिन सभी विद्यालयों, सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, राष्ट्रगीत गाया जाता है और इन सभी महापुरुषों और शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अनेक प्रयत्न किए। इस दिन की खुशी को जाहिर करने के लिए लड्ड़ू और मिठाइयां बांटी जाती हैं।
 
भारत की राजधानी दिल्ली में हमारे प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। वहां यह त्योहार बड़ी धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। सभी शहीदों को श्रद्धां‍जलि दी जाती है। प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। अनेक सभाओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
 
इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है। इस दिन की याद आते ही उन शहीदों के प्रति श्रद्धा से मस्तक अपने आप ही झुक जाता है। जिन्होंने स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने प्राणों की आहु‍ति दी। इसलिए हमारा पुनीत कर्तव्य है कि हम हमारे स्वतंत्रता की रक्षा करें। देश का नाम विश्व में रोशन हो, ऐसा कार्य करें। देश की प्रगति के साधक बनें न‍ कि बाधक।
 
हमारा कर्तव्य है कि भारत के नागरिक होने के नाते हम स्वतंत्रता का न तो स्वयं दुरुपयोग करें और न ही दूसरों को करने दें। शहिदों के बलिदान को आने वाले समय में भी जाया न जाने दें और एक भ्रष्टाचार व दुर्गुण रहित देश बनाने में अपने स्तर पर सहयोग करें।

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