The KarGil girl: 18,000 फुट पर जिसने ‘चीता’ उड़ाया, कौन है वो ‘द कारगि‍ल गर्ल’ गुंजन सक्‍सेना?

नवीन रांगियाल
‘भारत की फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट गुंजन सक्सेना जिसने देश की शौर्य गाथा में दर्ज किया अपना नाम

द कारगि‍ल गर्ल नाम की फि‍ल्‍म जिसमें जान्‍हवी कपूर ने गुंजन का किरदार निभाया है जल्‍द होगी रि‍लीज।

1999 की भारत-पाकिस्‍तान की अब तक की सबसे खुंखार लड़ाई। जंग के मैदान में चारों तरफ खून ही खून था और खून से सने हुए लथपथ जवानों के शव।

भारत और पाकिस्‍तान की तरफ से लगातार गोलि‍यां बरस रही थीं। रॉकेट लॉन्‍च हो रहे थे। ऐसे में एक मोर्चे पर घि‍र गए घायल भारतीय जवानों को बचाने का जिम्‍मा एक महिला को सौंपा गया। इस जांबाज महिला अधिकारी का नाम है फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना।

यह वो वक्‍त था जब भारतीय सेना में महिला अधिकारी को उतना बोलबाला नहीं था। उस समय महिला पायलट की पहली बैच की 25 पयलट में गुंजन सक्‍सेना भी शामि‍ल थीं।

गुंजन ने कारगि‍ल युद्ध में 18,000 फुट की उंचाई पर ‘चीता’ हेलि‍कॉप्‍टर उड़ाया और भारतीय सैनिकों की मदद कर हमेशा के लिए अपना नाम भारतीय शौर्य की किताब में दर्ज करवा लिया है।

जल्‍द ही गुंजन सक्‍सेना के शौर्य की कहानी लेकर एक फि‍ल्‍म आने वाली है। नाम है गुंजन सक्‍सेना: द कारगि‍ल गर्ल। इस फि‍ल्‍म में जान्‍वही कपूर ने गुंजन सक्‍सेना का किरदार निभाया है।

लेकिन इसके पहले कारगि‍ल युद्ध के 21 बरस पूरे होने पर जानते हैं भारतीय सेना की इस जांबाज महिला अधि‍कारी की कहानी।

जिस उम्र में लड़कि‍यां खि‍लोनों से खेलती हैं, गुंजन सक्‍सेना अपनी आंखों में वि‍मान उड़ाने के सपने देख रही थी। उसका कारण था कि गुंजन के पि‍ता और भाई दोनों भारतीय सेना में थे।

गुंजन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंजराज कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद एयरफोर्स ज्वाइन किया। गुंजन और श्री विद्या राजन उन 25 ट्रेनी पायलटों में शामिल थीं, जिन्हें 1994 में भारतीय वायुसेना के पहले बैच में शामिल होने का मौका मिला था। 1999 में जब कारगिल जंग छिड़ी तो दोनों को देश के लिए आसमान से लड़ाई लड़ने का रोमांचक मौका मि‍ला। इस वक्‍त तक बहुत कम महिलाएं सेना में जाती थीं।

1999 के कारगि‍ल में जब आर्मी को वायुसेना की मदद की जरुरत पड़ी तो गुंजन और श्री विद्या को युद्ध क्षेत्र में भेजा गया। इसके पहले उन्‍होंने कभी वि‍मान नहीं उड़ाया था।

चारों तरफ बम धमाकों की आवजें थी, रॉकेट लॉन्‍चर बरस रहे थे। जमीन पर जंग का जो नजारा था उसे देखकर कोई भी कांप जाए, लेकिन जब गुंजन और उनकी साथी श्री विद्या ने विमान उड़ाकर भारतीय सैनि‍कों की मदद की तो दुश्‍मन पाकिस्‍तान को यह अहसास नहीं होने दिया कि ऊपर आसमान में कोई महिला पायलट जंग लड़ रही है।

गुंजन को कई बार लाइन ऑफ कंट्रोल के बिल्कुल नजदीक से गुजरना पड़ा। जिससे पाकिस्तानी सैनिकों की लोकेशन और पोजिशन पता चल सके। कई बार गोलि‍यां और तोप के गोले उनके बेहद करीब से गुजर गए, लेकिन गुंजन लगातार अपने सैनिकों की मदद करती रहीं।

गुंजन लखनऊ में पैदा हुईं, वे पहली महिला बैच की एयरफोर्स पायलट हैं। इसके साथ ही वॉर ज़ोन में जाने वाली देश की पहली महिला एयरफोर्स ऑफिसर भी। उन्‍हें कश्‍मीर मोर्चे पर लगाया गया था, जहां उन्‍होंने जंग के बीच में से घायल जवानों को बचाकर मेडि‍कल कैंप तक पहुंचाने का काम किया था। इसके साथ जवानों तक जरुरत के सामान पहुंचाने का काम था।

गुंजन सक्सेना को कारगिल युद्ध के दौरान उनकी बहादुरी के लिए शौर्य वीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया, यह पुरस्कार पाने वाली वह पहली महिला बनीं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?