नई दिल्ली। भाजपा ने एक बार फिर बड़ा दांव खेला है। राजनीति में ममता बनर्जी के के विरोधी माने जाने वाले जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। भाजपा मुख्यालय में पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के नाम का ऐलान किया गया। जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले धनखड़ समाजवादी पृष्ठभूमि के रहे हैं और वे पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। जाट समुदाय से आने वाले धनखड़ का नाम के पीछे माना जा रहा है कि इससे भाजपा कहीं न कहीं हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वोट बैंक को साधे रखना चाहती है। माना जाता है कि पिछले कुछ चुनावों में पार्टी को जाट समुदाय का समर्थन भी मिला है। इसके पीछे 2024 के चुनाव की तैयारी भी है।
चुना जाना लगभग तय : धनखड़ का उपराष्ट्रपति चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। देश के उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं। संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 780 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं। जीत के लिए कम से कम 391 मतों की आवश्यकता होगी।
दोनों सदन संभालेंगे राजस्थान के नेता : धनखड़ यदि उपराष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं तो यह एक इत्तेफाक ही होगा कि लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य के होंगे। वर्तमान में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं और वे राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भाजपा ने फिर चौंकाया : उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं। हालांकि उपराष्ट्रपति के नाम पर पहले मुख्तार अब्बास नकवी, नजमा हेपतुल्ला और केरल के राज्यपाल का नाम चल रहा था, लेकिन बीजेपी ने बंगाल के राज्यपाल को उपराष्ट्रपति का चेहरा बनाकर एक बार फिर सबको चौंका दिया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे के मुताबिक सभी विपक्षी दल रविवार को बैठक करेंगे और उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर चर्चा करेंगे।