युगदृष्टा गुरुनानक देव

प्रकाश पर्व पर विशेष

Webdunia
- प्रीतमसिंह छाबड़ा

सर्वधर्म समभाव के पैरोकार
ND
आज से 540 वर्ष पूर्व भारत की पावन धरती पर एक युगांतकारी युगदृष्टा, महान दार्शनिक, चिंतक, क्रांतिकारी समाज सुधारक, धर्म एवं नैतिकता के सत्य शाश्वत मूल्यों के प्रखर उपदेशक, निरंकारी ज्योति का सन्‌ 1469 में दिव्य प्रकाश हुआ। इस दिव्य प्रकाश पुंज का नाम रखा नानक।

नानकजी के भीतर अल्लाह का नूर, ईश्वर की ज्योति को सबसे पहले दायी दौलता, बहन नानकीजी एवं नवाब रायबुलार ने पहचाना। पुरोहित पंडित हरदयाल ने जब उनके दर्शन किए, उसी क्षण भविष्यवाणी कर दी थी कि यह बालक ईश्वरीय ज्योति का साक्षात अलौकिक स्वरूप है। भाई गुरदासजी ने भी बड़े सुंदर शब्दों में उच्चारित किया 'सतिगुरु नानक प्रगटिआ मिटी धुंधु जगि चानणु होआ।'

नानकजी बाल्यकाल से संत प्रवृत्ति के थे। उनका मन आध्यात्मिक ज्ञान, साधना एवं लोक कल्याण के चिंतन में डूबा रहता। उन्होंने संसार के कल्याण के लिए ज्ञान साधना द्वारा झूठे धार्मिक उन्माद एवं आडंबरों का विरोध किया। मन की पवित्रता, सदाचार एवं आचरण पर विशेष बल देते हुए एक परमेश्वर की भक्ति का सहज मार्ग सभी प्राणियों के लिए प्रशस्त किया।
  दुनिया में सभी स्वार्थ के लिए झुकते हैं, परोपकार के लिए नहीं। गुरुदेव स्पष्ट ऐलान करते हैं कि मात्र सिर झुकाने से क्या होगा, जब हृदय अशुद्ध हो, मन में विकार हो, चित में प्रतिशोध हो।      


गुरुनानकजी की सिद्धों से मुलाकात हुई तो सिद्धों ने सवाल किया कि हमारी जाति 'आई' है, तुम्हारी जाति कौन-सी है? गुरुदेव ने फरमाया- 'आई पंथी सगल जमाती मनि जीतै जगु जीतु।' अर्थात सारे संसार के लोगों को अपनी जमात का समझना, किसी को छोटा या बड़ा न समझना ही हमारा पंथ (जाति) है। श्री गुरुजी ने संस्कारों एवं रूढ़ियों को नए सुसंस्कारित अर्थों में ग्रहण कर उच्च मानवीय मूल्यों की स्थापना की और 'मनि जीतै जगु जीतु' का सिद्धांत प्रस्तुत किया।

यह सिद्धांत था मन पर कंट्रोल करने का, क्योंकि मन पर विजय पाकर ही सारी दुनिया पर विजय प्राप्त की जा सकती है। यह जीत तीर-तलवार या बम के गोलों की न होकर सिद्धांतों की जीत होती है और इस जीत के पश्चात मनुष्य जीवनरूपी बाजी जीतकर ही जाता है। जब गुरुजी से प्रश्न किया कि आपकी नजर में हिन्दू बड़ा है या मुसलमान?

गुरुजी का बड़ा सुंदर और सटीक जवाब था कि शुभ कर्मों के बिना दोनों ही व्यर्थ हैं। ईश्वर, खुदा के दर पर वही कबूल है, जिनका निर्मल आचरण हो और जिनके कर्म नेक हों।

दुनिया में सभी स्वार्थ के लिए झुकते हैं, परोपकार के लिए नहीं। गुरुदेव स्पष्ट ऐलान करते हैं कि मात्र सिर झुकाने से क्या होगा, जब हृदय अशुद्ध हो, मन में विकार हो, चित में प्रतिशोध हो। गुरुजी का अभिप्राय है कि दिखावे की विनम्रता से कुछ भी सँवरने वाला नहीं, क्योंकि वह ईश्वर तो अंतरयामी है।

यही नहीं, गुरुजी की अमृतवाणी के एक शबद ने सज्जन ठग जैसों को, जो सज्जनता का ढोंग करके इंसानों को लूट रहे थे, वास्तव में सज्जन इंसान बना दिया। वली कंधारी जैसे जो अपनी उपलब्धियों का अहंकार कर इंसान को इंसान नहीं समझते थे, शबद ज्ञान से उनके अहंकार को समाप्त कर नेक इंसान बनने का पाठ पढ़ाया।

गुरुजी ने ईश्वरीय बाणी द्वारा काजी, मुल्ला, पीर फकीर, सिद्धों-नाथों योगियों, पंडितों सबको विनम्रता का पाठ पढ़ाकर उस वाहिगुरु, अल्लाह, खुदा, रहीम, करीम, ईश्वर अकाल पुरुख जिस नाम से भी इस सृष्टि के सृजनहार परमात्मा को जानों, उस एक शक्ति से जोड़ दिया।

गुरुनानक देवजी का व्यक्तित्व, कृतित्व एवं मिशन जितना सरल, सीधा और स्पष्ट है, उसका अध्ययन और अनुसरण भी उतना ही व्यावहारिक है। गुरुनानक बाणी, जन्म साखियों, फारसी साहित्य एवं अन्य ग्रंथों के अध्ययन से यह सिद्ध होता है कि गुरुनानक उदार प्रवृत्ति वाले स्वतंत्र और मौलिक चिंतक थे।

एक सामान्य व्यक्ति और एक महान आध्यात्मिक चिंतक का एक अद्भुत मिश्रण गुरुनानक देवजी के व्यक्तित्व में अनुभव किया जा सकता है। वे नबी भी थे और लोकनायक भी, वे साधक भी थे और उपदेशक भी, वे शायर एवं कवि भी थे, ढाढी भी, वे गृहस्थी भी थे और पर्यटक भी। सत्य कहा है- 'नानक शाह फकीर॥ हिन्दू का गुरु मुसलमान का पीर ॥'
Show comments

Buddha purnima 2024: भगवान बुद्ध के 5 चमत्कार जानकर आप चौंक जाएंगे

Buddha purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा शुभकामना संदेश

Navpancham Yog: सूर्य और केतु ने बनाया बेहतरीन राजयोग, इन राशियों की किस्मत के सितारे बुलंदी पर रहेंगे

Chankya niti : करोड़पति बना देगा इन 4 चीजों का त्याग, जीवन भर सफलता चूमेगी कदम

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

राजा राममोहन राय का सामाजिक बदलाव में योगदान और क्यों हैं आज भी प्रासंगिक उनके विचार

आचार्य महाश्रमण जी का 50वां दीक्षा दिवस, जानें उनका जीवन

Aaj Ka Rashifal: आज किसके लिए होगा दिन खास, जानिए 22 मई 2024 का दैनिक राशिफल

22 मई 2024 : आपका जन्मदिन

22 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त