संत भूरा भगत कौन थे, जानिए

Webdunia
भारत में हर समाज में कई सिद्ध और प्रसिद्ध संत हुए हैं उन्हीं में से एक है संत भूरा भगत महाराज। महान संत भूरा भगत महाराज की जयंती वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। इस बार यह जयंती 21 मई 2021 शुक्रवार को मनाई जाएगी।
 
माना जाता है कि 16वीं सदी में भक्तिकालीन युग में संत भूरा भगत महाराज का जन्म नागवंशी परिवार में हुआ। उन्हें कतिया समाज का कुलदेव माना जाता है। गौंड समाज और आदिवासी समाज के लोग भी उन्हें अपने समाज का प्रसिद्ध संत मानते हैं।
 
संत भूरा भगत बचपन से ही भक्त प्रवृत्ति के थे। बचपन से ही प्रभु भक्ति में लीन रहने वाले संत भूरा महाराज एक बार ध्यान में ऐसे मगन हुए की दूसरे दिन उनकी समाधि टूटी। उस दिन के बाद वे घरबार त्यागकर प्रभु भक्ति के लिए पहाड़ पर तप करने हेतु चले गए। बाद में तपस्या करके उन्होंने भोलेनाथ को प्रसन्न कर लिया और भोलेनाथ ने उन्हें आशीर्वाद के साथ ही वरदान भी दिया।
 
उन्होंने धवला गिरी पर्वत पर तप करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया। यह स्थान अब परम पवित्र माना जाता है। यह उनकी साधना स्थली अब तीर्थ स्थल के समान है। संत की प्रतिमा एक शिला के रूप में यहां विद्यमान है। छिंदवाड़ा जिले के नांदिया ग्राम के पहले देनवा नदी के पास यह प्रतिमा विराजमान है। यहां शिवरात्रि के दिन मेला भी लगता है। 
 
संत भूरा महाराज की एक प्रतिमा चौरागढ़ में भगवान भोलेनाथ के ठीक सामने स्थापित की गई है। दूर-दूर से लोग चौरागढ़ पचमढ़ी में महादेव की पूजा करने आते हैं। यह कहावत है कि महादेव दर्शन हेतु जाने से पहले, भूर भगत (छिंदवाड़ा) को पार करना आवश्यक है। किवदंतियों के अनुसार चौरागढ़ की पहाड़ियों में साधना के दौरान भूरा भगत महराज को महादेवजी ने दर्शन दिए थे। 
 
शिवजी से उन्होंने वरदान मांगा कि मैं आपके ही चरणों में रहूं और यहां आने वाले को आपका मार्ग बता सकूं। भूरा भगत महाज एक शिला के रूप में वहां मौजूद हैं। संत भूरा भगत की प्रतिमा ऐसे स्थान पर विराजमान है जिसे देखने से अनुमान लगता है मानों भगवान भोलेनाथ के मुख्यद्वार पर द्वारपाल की तरह वे बैठे हों। उसी के कारण यहां भी मेला भरता है। भक्त यहां गुलाल, सिंदूर, कपूर, खारक, सुपारी और बड़े त्रिशूल चढ़ाते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Chaitra navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में कैसे करें कलश और घट स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त

Solar eclipse 2024: कहां दिखाई देगा वर्ष का पहला खग्रास पूर्ण सूर्य ग्रहण?

Shani gochar : सूर्य ग्रहण से पहले शनि का गोचर, 6 राशियां 6 माह तक रहेगी फायदे में

Gudi padwa 2024: हिंदू नववर्ष 2081 पर जानिए कैसा रहेगा 12 राशियों का भविष्यफल

Solar eclipse 2024: भारत में कब और किसी तरह देख सकते हैं खग्रास सूर्य ग्रहण

gangaur teej katha : गणगौर व्रत की कथा हिंदी में

Hindu nav varsh 2024 : 30 साल बाद दुर्लभ संयोग और राजयोग में होगी हिंदू नववर्ष की शुरुआत

Gangaur Puja 2024: अखंड सुहाग का पर्व है गणगौर, जानें कैसे करें पूजन

Swaminarayan : स्वामीनारायण कौन थे और स्वामीनारायण संप्रदाय का इतिहास जानें

गणगौर कब है 2024 में?

अगला लेख