आशा के साथ भविष्य का सामना

Webdunia
ND

- सुभाषचन्द्र बो स
विशेष दैनिक आज्ञापत्र (17 अगस्त 1945)

मित्रो! अपनी मातृभूमि के स्वाधीनता संग्राम में हमने जिस संकट की कभी कल्पना भी नहीं की थ ी, वह हम पर आ पड़ा है। आप शायद यह अनुभव करते हैं कि आप भारत को स्वतंत्र करने के अपने ध्येय में विफल हो गए है ं, लेकिन मैं यह कहूँगा कि यह केवल एक क्षणिक असफलता है।

कोई भी असफलता या पराज य, आपकी पहले की ठोस सफलताओं को मिटा नहीं सकती। आपमें से बहुतों ने भार त, बर्मा सीमांत और भारत के अंदर सभी प्रकार के कष्ट और मुसीबतें उठाई हैं। आपके बहुत से साथियों ने युद्ध के मोर्चे पर अपने जीवन की बलि दी है और वे आजाद हिन्द के अमर शहीद हो गए हैं। महान बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जा सकता।

मित्रो! निराशा की इस घड़ी में मैं यह चाहता हूँ कि आप एक वास्तविक क्रांतिकारी के अनुरूप संय म, स्वाभिमान और शक्ति का परिचय दें। आपने रणक्षेत्र में अपनी वीरता और आत्म-बलिदान के प्रमाण दिए हैं। अस्थायी पराजय की इस घड़ी में आपका यह कर्तव्य है कि आप अपने विश्वास को पक्का और संकल्प को दृढ़ रखें। मैं यह निश्चित रूप से जानता हूँ कि इस विपरीत परिस्थिति में भी आप अपना मस्तक ऊँचा रखेंगे और पूरे विश्वास एवं आशा के साथ भविष्य का सामना करेंगे।

मित्रो! मैं यह भली-भाँति अनुभव करता हूँ कि संकट के इस समय में हमारी मातृभूमि में रहने वाले 38 करोड़ लोग आजाद हिन्द फौज के हम सैनिकों की ओर देख रहे हैं। इसलिए भारत के प्रति वफादार रहो। भारत के उज्ज्वल भविष्य में आपका विश्वास डिगने न पाए। दिल्ली पहुँचने के कई मार्ग हैं और अब भी हमारा लक्ष्य दिल्ली पहुँचना है।

आपके अमर साथियों के और आपके बलिदा न, निश्चय हमें विजय दिलाएँगे। संसार में कोई शक्ति ऐसी नहीं है जो भारत को पराधीन रख सके। भारत निःसंदेह स्वतंत्र होगा और जल्दी ही।

जय हिन्द।

Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

मेडिटेशन करते समय भटकता है ध्यान? इन 9 टिप्स की मदद से करें फोकस

इन 5 Exercise Myths को जॉन अब्राहम भी मानते हैं गलत

क्या आपका बच्चा भी हकलाता है? तो ट्राई करें ये 7 टिप्स

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.