इंदौर में लगातार हो रहे ट्रक और बस हादसों में मौत के बाद इंदौर प्रशासन की नींद खुली है। अब ऐसे वाहनों की चेकिंग की जा रही है जिनमें सुरक्षा के इंतजाम नहीं है या जो यातायात नियमों का जमकर उल्लंघन कर रहे हैं।
मंगलवार को पुलिस और आरटीओ विभाग के अफसरों ने बसों में फायर सेफ्टी सिस्टम और आपातकालीन व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बता दें कि हाल ही में इंदौर से लगे भेरूघाट पर हुए हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। जांच में सामने आया कि बस का ड्राइवर नशे में धुत था। इसके बाद पुलिस ने वाहनों की चेकिंग के लिए अभियान चलाया है।
बता दें कि इस दौरान इंदौर RTO ने बसों की सघन जांच की। अभियान में इमरजेंसी एग्जिट और फायर सेफ्टी की जांच हुई, जिसमें अनियमितता पाए जाने पर 1 बस जब्त की गई और 10 अन्य वाहनों पर कार्रवाई करते हुए 80 हजार से अधिक का जुर्माना वसूला गया।
विजय नगर से लेकर रेडिसन- लवकुश चेकिंग : इंदौर आरटीओ ने विशेष रूप से रेडिसन चौराहा और लवकुश चौराहा पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे इंटरसिटी और इंटरस्टेट बसों की सघन चेकिंग की। इस जांच का मुख्य फोकस बसों में इमरजेंसी एग्जिट (आपातकालीन निकास), फायर सेफ्टी सिस्टम और आपातकाल में यात्रियों के सुगम निकास की व्यवस्था पर था।
बगैर परमिट चल रहीं बसें, 80 हजार जुर्माना : जांच के दौरान, एक बस बिना परमिट के संचालित होती पाई गई, जिसे अधिकारियों ने तुरंत जब्त कर लिया और जुर्माना लगाया। इसके अतिरिक्त, 10 से अधिक अन्य वाहनों पर भी मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई। इस पूरी कार्रवाई में 80 हजार रुपए से अधिक का जुर्माना वसूला गया। कुल मिलाकर 11 वाहनों पर अनियमितताओं के चलते कार्रवाई की गई।
चालकों को हिदायत : अधिकारियों ने बस के चालक-परिचालकों को मौके पर ही सख्त समझाइश के साथ यह हिदायत भी दी कि वे बसों में किसी भी प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ का परिवहन न करें। उन्हें निर्देश दिया गया कि जिस प्रकार हवाई जहाज में यात्रियों को आपातकालीन स्थिति में "क्या करें और क्या नहीं करें" की जानकारी दी जाती है, उसी प्रकार बसों में भी सवारियों को यह जरूरी जानकारी दी जाए। यात्रियों को बसों में मौजूद इमरजेंसी एग्जिट और कांच तोड़ने के लिए रखे गए हैमर (हथौड़े) के बारे में सूचित करें और बताएं कि कैसे इस्तेमाल करना है।
Edited By: Navin Rangiyal