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रैगिंग केस के बाद IET कैंपस में अब तोड़फोड़ और चोरी, 14 कैमरे तोड़े, 4 छात्रों पर FIR दर्ज, 100 स्‍टूडेंट की जांच शुरू

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 (15:48 IST)
इंदौर देवी अहिल्‍या विश्‍वविद्यालय के आईईटी कॉलेज में एक बार फिर से हंगामा हुआ है। यहां एक बड़ी वारदात सामने आई है। यहां करीब 14 सीसीटीवी कैमरे तोड़ने के साथ ही डीवीआर चोरी होने की बात भी सामने आई है। घटना के बाद इंदौर की भंवरकुआ पुलिस थाने में कॉलेज स्टाफ की शिकायत पर 4 छात्रों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है।

बता दें कि यहां हाल ही में रैगिंग की घटना सामने आई थी। जिसमें सिनियर्स ने जूनियर स्‍टूडेंट की रैगिंग की थी। इसके साथ ही यहां रैगिंग की जांच में सामने आया था कि कुछ स्‍टूडेंट नेपाल की तर्ज पर यहां भी जेन जी प्रोटेस्‍ट की तैयारी की जा रही थी। कुछ स्‍टूडेंट ने यह बात कॉलेज प्रबंधन को बताई है, जिसके आधार पर जांच कमेटी इस मामले की भी जांच कर रही है।

सीसीटीवी कैमरे तोड़े, डीवीआर चोरी : अब यहां आईईटी कैंपस में तोड़फोड़ और चोरी की घटना सामने आई है। यहां अज्ञात लोगों ने 14 सीसीटीवी कैमरे तोड़े दिए हैं। इसके साथ ही डीवीआर भी चोरी कर लिया गया है। इस घटना से कॉलेज प्रशासन को भारी संपत्ति नुकसान झेलना पड़ा है। पुलिस के अनुसार मामले की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं।
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छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, जांच शुरू : भंवरकुआ पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए स्टाफ के सदस्‍य रणजीत शिंदे की शिकायत पर 4 छात्रों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। जिन छात्रों पर कार्रवाई की गई है उनके नाम विवेक शर्मा, अनुज राज परमार, नवीन बारे और सौरभ जाटव बताए गए हैं। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में इन छात्रों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।

100 छात्र जांच के घेरे में: पुलिस के मुताबिक घटना के बाद आईईटी कैंपस में मौजूद करीब 93 छात्रों को जांच के घेरे में लिया गया है। इनमें से कई छात्रों से पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की साजिश का पता लगाया जा सके। पुलिस का मानना है कि यह केवल चोरी की वारदात नहीं है बल्कि तोड़फोड़ की सुनियोजित कार्रवाई भी हो सकती है। इस घटना के बाद आईईटी कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस और कॉलेज प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए विशेष कदम उठाने की बात कही है। वहीं, छात्रों और स्टाफ में इस घटना के बाद भय और असुरक्षा का माहौल देखने को मिल रहा है।
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ये मामला भी आया था सामने : बता दें कि पिछले दिनों इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) में रैगिंग का मामला सामने आया था। इस केस की जांच की जा रही थी। इसकी जांच रिपोर्ट सौंपी है। यह जांच एंटी रैगिंग कमेटी की थी। रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनके अनुसार, सीनियर छात्रों ने फर्स्ट ईयर के छात्रों पर नेपाल के चर्चित जेन-जी विरोध की तरह विश्वविद्यालय में आंदोलन खड़ा करने का दबाव बनाया था। जांच में यह बात सामने आई है कि सीनियर छात्रों ने नए विद्यार्थियों को डरा-धमकाकर फर्जी ईमेल और ट्विटर अकाउंट बनाने के लिए मजबूर किया था। छात्रों को सीनियर्स के संदेशों को रीट्वीट करने और विशेष हैशटैग को वायरल करने का काम सौंपा गया था। जब कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया, तो उन्हें 'बैच आउट' करने (कॉलेज से निकलवाने) की धमकी दी गई।

क्‍या सिफारिश की कमेटी ने : एफआईआर और साइबर सेल जांच हो एंटी रैगिंग कमेटी ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से सिफारिश की है कि सभी दोषी छात्रों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। इन पर रैगिंग, धमकाने, फर्जी आईडी बनवाने, विश्वविद्यालय विरोधी माहौल बनाने और डिजिटल साक्ष्य मिटाने जैसे गंभीर आरोप हैं। कमेटी ने मुख्य रूप से अमन पटेल, आदर्श मकवाना, आदित्य शर्मा, अनुज पटेल और उमंग अग्रवाल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, साइबर सेल से जांच कराकर रेस्टोरेंट में मौजूद अन्य छात्रों की पहचान कर उन पर भी सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

कौन कौन छात्र शामिल हैं साजिश में : एंटी रैरिंग जांच कमेटी ने पाया कि IET के छात्र शिवसागर रेस्टोरेंट में मिले थे, जहां सीनियर्स ने हॉस्टल नियमों की आड़ में जूनियर्स पर दबाव बनाया। इस बैठक में मुख्य आरोपी अमन पटेल के साथ आदर्श मकवाना, आदित्य शर्मा, सुनील अहिरवार, नमन पांडे, यशश्वी मिश्रा और धवल चौधरी जैसे कई अन्य छात्र शामिल थे। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि अमन पटेल ने हॉस्टल के सीसीटीवी कैमरे तोड़ने की भी बात कही थी। इस साजिश में अमन का छोटा भाई अनुज पटेल भी शामिल था, जो अवैध रूप से हॉस्टल में रहकर अपने भाई के लिए जासूसी और मुखबिरी का काम कर रहा था।

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