इंदौर ने फिर रचा कीर्तिमान, स्मार्ट सिटी कॉन्फ्रेंस में मिले 6 खिताब

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इंदौर। स्वच्छता में 5 बार अव्वल आ चुके इंदौर ने एक और कीर्तिमान रचा है। सूरत में आयोजित स्मार्ट सिटी कॉन्फ्रेंस में इंदौर स्मार्ट सिटी विकास लिमिटेड ( ISCDL ) ने 6 खिताब जीते। ये सभी खिताब आवासन और शहरी विकास मंत्री हरदीपसिंह पुरी ने इंदौर निगमायुक्त प्रतिभा पाल को दिए।
 
नगर निगम आयुक्त एवं इंदौर स्मार्ट सिटी विकास लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक प्रतिभा पाल ने बताया कि जनता व प्रशासन के सहयोग से हमारे इंदौर शहर को यह सम्मान प्राप्त हुआ है। ओवरऑल कैटेगरी में इंदौर और सूरत ने प्रथम पुरस्कार हासिल किया।  
 
'बिल्ट एनवायरनमेंट' कैटेगरी : इस श्रेणी के अंतर्गत 56 दुकान के वातावरण को स्मार्ट और आधुनिक बनाने के लिए इंदौर को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 56 दुकान इंदौर का पहला नो-व्हीकल स्ट्रीट जोन है।
 
कचरा प्रबंधन सिस्टम में प्रथम स्थान : इस कैटेगरी में इंदौर व त्रिपुरा दोनों को प्रथम पुरस्कार मिला। स्वछता मिशन 2015-16 के तहत शहर में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था शुरू की गई थी। इमसें कचरा वाहनों के माध्यम से इंदौर के प्रत्येक घर का कचरा एकत्र होकर शहर के विभिन्न स्थानों से होते हुए प्रोसेसिंग प्लांट तक पंहुचाया गया। गीले कचरे का उपयोग पेड़-पौधों के लिए खाद्य आदि बनाने में तथा इससे उत्पन्न बायो गैस का उपयोग निगम के वाहनों में फ्यूल के रूप में किया गया। 
संस्कृति-विरासत संरक्षण : इस कैटेगरी में इंदौर को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। शहर में स्मार्ट सिटी द्वारा राजवाड़ा पैलेस, गोपाल मंदिर परिसर, मल्हारराव होलकर छत्री, हरिराव होलकर छत्री और बोलिया सरकार छत्री का विकास किया गया। स्मार्ट सिटी ने शहर की ऐतिासिक धरोहरों का जीर्णोद्धार कर ऐतिहासिक महत्व को कायम रखा।

कार्बन उत्सर्जन निपटान : इस कैटेगरी में भी इंदौर को प्रथम पुरस्कार मिला। शहर में कार्बन उत्सर्जन को काम करने के लिए विभिन्न जगहों पर प्लांट स्थापित किए गए। देवगुराड़िया पर 600 टन क्षमता खाद, चोइथराम मंडी में 20 टन व कबीटखेड़ी में 15 टन बायो सीएनजी प्रतिदिन तैयार की गई। आने वाले 30 वर्षों के लिए ये योजनाएं तैयार की गई हैं। कार्बन क्रेडिट से आय का सिस्टम विकसित किया। 
 
इनोवेटिव आईडिया अवॉर्ड : इस कैटेगरी में इंदौर को कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मैकेनिज्म को विकसित करने के लिए प्रथम पुरस्कार मिला। शहर में 15 टन व 20 टन क्षमता वाले 2 बायो संयंत्रों की स्थापना की गई। 

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