इंदौर में बिजली की अंधेरगर्दी से जनता त्रस्‍त, मान नहीं रहे मोटी चमड़ी के अधिकारी, CM और उर्जा मंत्री भी परेशान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 18 जून 2025 (17:04 IST)
इंदौर में एक तरफ प्रशासन विकास की डींगे हांक रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग हर रोज इंदौर का अंधेरे की गर्त में धकेल रहा है। जरा सी हवा, आंधी और कुछ मिनटों की बारिश से पूरा शहर बार बार अंधेरे में डूब रहा है। कई कई घंटों की बिजली कटौती ने जनता त्रस्‍त हो चुकी है। मेंटेनेंस के नाम पर हर रात बिजली विभाग मैसेज भेज देता है कि सुबह 3 घंटे बंद रहेगी। रात रात भी बिजली गुल हो रही है।

बिजली विभाग के नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी इतनी मोटी चमड़ी के हो चुके हैं कि न तो आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से ले रहे हैं और न ही मीडिया को ठीक से जानकारी दे रहे हैं। यहां तक कि अब तो खुद उर्जा मंत्री विभाग के एक ही तरह के जवाबों से परेशान हैं। वहीं सीएम मोहन यादव ने IPDS घोटाले को लेकर सख्‍त नाराजगी दिखाई है।
अब तो उर्जामंत्री ने उठा दिए सवाल: इंदौर में इस कदर बिजली कटौती हो रही है कि लोग इसे दिग्‍विजय सिंह शासन के समय होने वाली भयंकर बिजली कटौती से जोड़कर याद कर रहे हैं। अब तो खुद उर्जा मंत्री प्रद्मुमन तोमर ने बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल उठा दिए हैं। यहां तक कि इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (IPDS) के तहत हुए बिजली घोटाले से प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव भी नाराज हैं और अधिकारियों के बार बार एक ही तरह के जवाबों से हैरान हैं।

IPDS घोटला : दरअसल, इस पूरी अंधेरगर्दी के पीछे IPDS का घोटला भी बताया जा रहा है। जिसमें बिजली सुधार के लिए कई करोड़ रुपए मिले थे, लेकिन उसका अब तक कोई हिसाब किताब नहीं है। बता दें कि यह घोटाला केंद्र की इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (IPDS) के तहत हुआ, जिसके तहत 14 जिलों के लिए 523 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन इंदौर में थोड़ी भी आंधी चलने और बारिश पर कई घंटों का अंधेरा छा जाता है। उर्जा मंत्री ने सवाल पूछा है कि इतने सबके बाद भी बत्ती गुल क्यों हो रही है? बता दें कि इस घोटाले में 200 करोड़ का नुकसान बताया जा रहा है।

कहां गया सुधार के लिए मिला धन : बता दें कि इंदौर एमपीईबी को बिजली के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को सुधारने के लिए केंद्र की दो योजनाओं से करीब 1600 करोड़ मिले थे। पहले IPDS में 500 करोड़ मिले थे, उसके बाद आरआरडीएस में 1100 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन बिजली के हालात जस के तस हैं। इस घोटाले के तहत देवास के कई इलाकों में फर्जी खंबे लगाना बता दिया गया। सवाल यह है कि आखिर ये धन कहां गया। चार साल बाद भी जिम्‍मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

ये है इंदौर के 30 जोन के हालात : बता दें कि तेजी से बढ़ते इंदौर में बिजली के 30 जोन बनाए गए हैं। हर जोन में 20 से 25 लाइनमेन की जरुरत है,लेकिन बमुश्‍किल एक दो लोग काम कर रहे हैं। सारा काम आउटसोर्स पर चल रहा है। पहले प्री मॉनसून मेंटेनेंस जिम्मेदारी से होता था। अब सिर्फ कागजों पर रह गया है। साधन उपलब्ध नहीं है और कर्मचारियों की भी भारी कमी है। बिजली कंपनी में स्थाई कर्मचारियों और अधिकारियों की भारी कमी हो गई है, जिसके चलते आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। बरसात के दिनों में यह समस्या और बढ़ जाएगी।

दावा 23 घंटे का, बंद हो रही रातभर : बता दें कि रात रात भर अंधेरा पसरने के बाद भी कंपनी के अधिकारी अपनी लापरवाही स्‍वीकार नहीं रहे हैं। कंपनी जिले में 23 घंटे 58 मिनट बिजली की आपूर्ति का दावा कर रही है, लेकिन कई कई घंटों बल्‍कि इंदौर के कई इलाकों में रात भर बिजली नहीं मिल रही है। खंबा गिरने,शॉर्ट सर्किट और तार टूटने की शिकायतें आम हैं, लेकिन शिकायतों पर कहीं कोई अमल नहीं हो रहा है।
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल

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