Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अपनी पाठशाला के लिए लड़ाई लड़ेंगे फाइन आर्ट्स के छात्र, देवलालीकर आर्ट फाउंडेशन की स्‍थापना के साथ किया मास्‍टर्स को याद

Advertiesment
हमें फॉलो करें Fine Arts
webdunia

नवीन रांगियाल

  • 2027 में ललित कला संस्‍थान को 100 साल पूरे होंगे
  • छात्रों ने मांगे संस्‍थान के लिए अपना भवन और भूमि
  • कला और कलाकारों के हितों के लिए की देवलालीकर आर्ट फाउंडेशन की स्‍थापना
  • फाउंडेशन के पहले आयोजन में हुसैन से लेकर विष्णु चिंचालकर जैसे मास्‍टर्स को किया याद
साल 2027 में इंदौर के लोकप्रिय ललित कला संस्‍थान (Fine Art College Indore) की स्‍थापना को 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इसकी स्‍थापना प्रसिद्ध चित्रकार डीडी देवलालीकर (दत्तात्रेय दोमादार देवलालीकर) ने की थी। 2027 में शताब्‍दी वर्ष के इस मौके पर ललित कला संस्‍थान के वर्तमान और पूर्व छात्र कलाकार चाहते हैं कि संस्‍थान का अपना भवन और भूमि हो, जिससे इंदौर की कला विरासत को सहेजा जा सके। बता दें कि कुछ ही समय पहले ललित कला संस्‍थान का भवन प्रशासन ने जमींदोज कर दिया है। फिलहाल स्‍कीम नंबर 78 में अस्‍थाई कॉलेज भवन संचालित हो रहा है। जहां कई तरह की समस्‍याएं पसरी हैं।

संस्‍थान, कला और कलाकारों के हितों को ध्‍यान में रखते हुए हाल ही में कॉलेज के वर्तमान व पूर्व छात्र समेत इसी कॉलेज से निकलने वाले कलाकारों ने मिलकर ‘देवलालीकर कला फाउंडेशन’ की स्‍थापना की है। जिसके तहत 18 अप्रैल को देवलालीकर जी की 132वीं जन्मजयंती के अवसर ‘प्रणति’ नाम से पहला आयोजन किया गया। इस आयोजन में छात्रों ने अपने पूर्वज मास्‍टर्स कलाकारों की पेंटिंग प्रदर्शनी लगाकर उन्‍हें याद किया।

अपने पूर्वज मास्‍टर्स को किया याद : इस प्रदर्शनी में देवलालीकर जी के चित्रों के साथ उनसे शिक्षा हासिल करने वाले 14 कलाकारों के चित्रों को शामिल किया गया। इनमें चंद्रेश सक्सेना, डीजे जोशी, जीके पंडित, माधव शांताराम रेगे, एमएफ हुसैन, एमजी किरकिरे, मिर्ज़ा इस्माइल बैग, नाना वैद्य, एनएस बेंद्रे, रामनारायण दुबे, श्रेणिक जैन, वसंत अगाशे, वसंत चिंचवाड़कर, विष्णु चिंचालकर शामिल हैं।
webdunia

भूमि-भवन के लिए प्रयास : फाउंडेशन के अध्‍यक्ष मनीष रत्‍नपारके ने बताया कि फाउंडेशन के मकसद कला, कलाकारों व विद्यार्थियों के प्रोत्साहन, समर्थन व उनके हितों की रक्षा करना है। इसके साथ ही संस्‍थान के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना है। उन्‍होंने बताया कि इंदौर के स्वयं की भूमि और भवन नहीं हैं। इसके लिए हम लगातार प्रयासरत है।
webdunia

स्‍टूडेंट के हितों को रखेंगे सबसे पहले : देवलालीकर आर्ट फाउंडेशन के सचिव सतीश नारायणिया ने वेबदुनिया को बताया कि कला और कलाकारों का इंदौर से पुराना और गहरा नाता रहा है। ललित कला संस्‍थान (Fine Art College Indore) देशभर में अपनी ख्‍याति के लिए जाना जाता है। यह संस्‍थान एमएफ हुसैन, रामकृष्ण खोत, नारायण श्रीधर बेंद्रे जैसे शीर्ष कालाकारों की पाठशाला रहा है। यहीं से पेंटिंग का क, ख, ग सीख-पढ़कर इन कलाकारों ने देश-दुनिया में इंदौर का नाम कला के क्षेत्र में रौशन किया। ऐसे में फाउंडेशन का उदेश्‍य है कि कम से कम इस संस्‍थान के अपने भवन और भूमि हो। उन्‍होंने बताया कि उनका फाउंडेशन संस्‍थान, कला और स्‍टूडेंट से जुडे तमाम हितों की रक्षा के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
webdunia

लौटाएंगे संस्‍थान की गरिमा : फाउंडेशन के उपाध्‍यक्ष मोहित भाटिया ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि इंदौर ललित कला महाविद्यालय जो कि एक समय भारतीय कला परिदृश्य का केन्द्र हुआ करता था उसकी गरिमा, प्रतिष्ठा पुनः स्थापित करना। इस पूरे आयोजन में सह सचिव गोविंदम बब्बर, सदस्य मोना शर्मा, जसप्रीत कौर धालीवाल के साथ ही महाविद्यालय के वर्तमान और भूतपूर्व विद्यार्थियों ने मिलकर काम किया, प्रदर्शनी आयोजित की और पूरे आयोजन को सफल बनाने में अपना महत्‍वपूर्ण योगदान दिया।
webdunia

रंग अभी बाकी है का प्रदर्शन : प्रदर्शनी में दिलीप लोकरे द्वारा निर्देशित लघु फिल्म "रंग अभी बाकी है" प्रदर्शित की गई जिसके अभिनेता शिखर सम्मान से सम्मानित श्रीराम जोग थे। इस लघु फिल्म में शासकीय ललित कला महाविद्यालय इंदौर से जुड़े विद्यार्थी का महाविद्यालय से जुड़े प्रेम और जुड़ाव को दिखाया गया। गणेश करेंगडे द्वारा दत्तात्रेय दामोदर देवलालीकर जी की रिकॉर्ड की गई जीवन व कलायात्रा का प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रदर्शनी के मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ ख्यातिलब्ध चित्रकार मीरा गुप्ता व जयराज दस्सानी मौजूद थे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इंदौर में लू का कहर, आठवीं तक के स्‍कूल 12 बजे के बाद नहीं लगेंगे, परिजन कर रहे अवकाश की मांग