डॉक्‍टरों का प्रदेशव्‍यापी आंदोलन शुरू, काली पट्टी बांधी, जलाएंगे दवाइयों की होली

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025 (16:19 IST)
मप्र शासकीय-स्वशासी चिकित्सक महासंघ द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश में 20 फरवरी से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू हो गया है। इसमें लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, गृह विभाग व गैस राहत विभाग में पदस्थ 15 हजार डॉक्टर्स काली पट्‌टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आंदोलन 24 फरवरी तक चलेगा।

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि हम 24 फरवरी तक लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जताते रहेंगे, मगर इसके बावजूद शासन ने कोर्ट के आदेश और केबिनेट द्वारा मंजूर फैसलों पर अमल नहीं किया तो अपने अधिकारों के लिए आर-पार की लड़ाई लडऩे के लिए मजबूरी में उग्र आंदोलन चलाना पड़ेगा।

अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाएंगे : गुरुवार को लंच टाइम में आधे घंटे 1 से 2 बजे तक अपने कार्यस्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद 22 फरवरी को प्रदेश के समस्त चिकित्सक सामूहिक उपवास रखेंगे, वहीं लंच टाइम में मास्क पहनकर कार्य स्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद 24 फरवरी इंदौर सहित प्रदेश के सारे चिकित्सक सामूहिक उपवास करते हुए चिन्हित अस्पतालों में जनता के स्वास्थ से खिलवाड़ के विरोध में अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाएंगे, वहीं 25 फरवरी से इंदौर से लेकर सारे राज्य में प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।

क्‍यों मजबूर हैं टीचर और डॉक्‍टर्स : बता दें कि उच्च न्यायालय द्वारा 4 दिसम्बर 2024 के अपने आदेश में 2 सप्ताह में हाई पॉवर कमिटी का गठन एवं उससे अगले 2 सप्ताह में डॉक्टर्स के मुद्दे सुलझाने का आदेश दिया था जो अब तक संभव नहीं हो सका है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश कैबिनेट से पारित समयमान चयन वेतनमान का अभी तक कई चिकित्सकों एवं चिकित्सा शिक्षकों को लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं, 4 अक्टूबर 2023 में पारित आदेश सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाना, एनपीए की गणना सातवें वेतनमान के अनुरूप करना है। एमपीपी एच सी एल द्वारा सप्लाई की गई कई दवाईया अमानक पाई गई। जिसमे कुछ दवाईया आईसीयू व ऑपरेशन थिएटर में उपयोग होने वाली जीवन रक्षक दवाई भी शामिल हैं। कोलकाता के आर जी कार मेडिकल कॉलेज में हुई दुखद घटना के बाद, सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने का आज तक कोई शुरुआत नहीं हुई। तकनीकी विशेषज्ञ के स्थान पर नए आदेश कर प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति से प्रदेश की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था अधर में जा चुकी है।
Edited By: Navin Rangiyal

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