इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के कौशल विकास टास्क फोर्स एवं कंप्यूटर विज्ञान अध्ययनशाला द्वारा क्वीक हील फाउंडेशन, पुणे तथा पुलिस कमिश्नरेट, इंदौर के साथ मिलकर साइबर अवेयरनेस हेतु 'साइबर शिक्षा से साइबर सुरक्षा' विषय पर नुक्कड़ नाटक का कार्यक्रम 6 मई 2022 को प्रातः 11 बजे, कंप्यूटर विज्ञान अध्ययनशाला के रमानी हॉल में कुलपति प्रो. रेणु जैन तथा श्रीमती मनीषा पाठक सोनी, एडिशनल ACP, मध्य प्रदेश पुलिस एवं राष्ट्रीय साइबर विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल एवं की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस अवसर पर विवि के कौशल विकास टास्क फोर्स की समन्वयक डॉ. माया इंगले, कंप्यूटर विज्ञान अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय तनवानी सहित अनेक शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे। नुक्कड़ नाटक में कलाकारों द्वारा साइबर क्राइम से संबंधित विभिन्न प्रकार के धोखाधड़ियों से अवगत कर उनके बचाव हेतु उपाय बहुत ही रोचक तरीकों द्वारा समझाए गए।
इनमें मुख्यतः अनजान व्यक्तियों से दूरी रखना, अपने चित्र सोशल मीडिया पर न डालना या कम रेसोलुशन के चित्र डालना, ऑनलाइन ख़रीद जैसे OLX प्लेटफार्म पर लेन-देन बहुत ही सावधानी से करना, किसी भी लिंक को बिना सोचे-समझे क्लिक न करना, बिना मूल्य प्राप्त होने बाली वस्तुए अथवा पुरस्कारों जैसे लालच दर्शाने वाले संदेशों से दूर रहना इत्यादि शामिल थे।
मध्यप्रदेश पुलिस इंदौर क़े अनेक जवान आरक्षकों द्वारा उपरोक्त स्थितियों क़े निवारण हेतु संपर्क सूत्रों की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में लगभग 200 शिक्षकों तथा विद्यार्थियों ने भाग लिया। अंत में डॉ. श्रद्धा मसीह ने आभार प्रदर्शन किया।
व्हाट्सअप पर आपकी हर गतिविधि पर नजर : इस डिजिटल दुनिया में, जहां बच्चे तेजी से सोशल मीडिया और इंटरनेट से जुड़ रहे हैं। साइबर सुरक्षा, साइबर बुलिंग, साइबर हाइजीन की चिंताएं प्रासंगिक हैं। इस धारणा के साथ, इंडेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, इंदौर ने भारत के प्रसिद्ध साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ, गौरव रावल द्वारा एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया। प्रो. रावल ने साइबर सुरक्षा के मुद्दों को हल करने के अपने बेजोड़ कौशल के लिए पुलिस विभाग में नाम और प्रमुखता अर्जित की है। वह पुलिस रेडियो ट्रेनिंग स्कूल (पीआरटीएस), पुलिस ट्रेनिंग कालेज (PTC) इंदौर और पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (PTS) उज्जैन के साथ राष्ट्रीय स्तर साइबर एक्सपर्ट ट्रेनर के रूप में जुड़े रहे हैं।
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय साइबर अपराध रोकथाम हेतु उन्होंने भारत के विभिन्न शहरों में 100 से भी ज्यादा कार्यशालाएं आयोजित की हैं और साइबर सुरक्षा व स्वच्छता से संबंधित विषयों पर छात्रों के लिए सत्र लिए हैं।संस्थान के वाइस डीन, डॉ. रोली अग्रवाल ने एक पौधे के साथ मुख्य वक्ता प्रो. गौरव रावल का स्वागत किया। डॉ अंजलि सुराणा ने कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की।
अपनी प्रस्तुति के माध्यम से, प्रो. रावल ने इंटरनेट तक पहुंचने के कानूनी पहलुओं जैसे कानूनी उम्र, नैतिकता और सोशल मीडिया और गेमिंग का उपयोग करने के नियमों के बारे में बताया। दर्शकों को साइबर बुलिंग, हैकिंग, फिशिंग, क्लोनिंग, डेटा चोरी जैसी विभिन्न शब्दावली से परिचित कराया गया।
डिजिटल धोखाधड़ी और ग्रूमिंग : कई केस स्टडी को दर्शकों के साथ साझा किया गया और उन्हें डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाया गया। दर्शकों के साथ भारत के साइबर कानूनों के बारे में जानकारी साझा की गई। संसाधन व्यक्ति ने वेबसाइट सुरक्षा की जांच का प्रैक्टिकली दिखाया और प्रतिभागियों को टू फैक्टर एथेंटीकशन, और मजबूत पासवर्ड का उपयोग करने आदि जैसे विभिन्न तरीकों के बारे में जागरूक किया, जिसे वे साइबर अपराधों से बचने के लिए अपना सकते हैं।
उन्होंने इंटरनेट बैंकिंग और सुरक्षित ऑनलाइन लेन-देन के लिए कुछ टिप्स साझा करके सत्र का समापन किया। उन्होंने साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए हेल्प लाइन नंबर और वेबसाइट भी साझा की। महिलाएं और बच्चे गुमनाम रूप से www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट कर सकते हैं। डॉ सतीश करंदीकर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और अतिथि वक्ता को इंडेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज की ओर से एक स्मृति चिन्ह भेंट किया।
डॉ सुपर्णा साहा, डॉ रंजनमणि त्रिपाठी और डॉ पूनम तोमर राणा ने कई प्रश्न पूछकर सत्र को इंटरैक्टिव बनाया।
सत्र एक सकारात्मक सलाह के साथ समाप्त हुआ, आपकी सुरक्षा आपके हाथों में है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।