जन्‍मदिन विशेष - सपने कभी सोने नहीं देते हैं - डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

Webdunia
गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 (19:09 IST)
आप अपना भविष्‍य नहीं बदल सकते लेकिन आपकी आदतें  निश्‍चित रूप से आपका भविष्य बदल देंगी। डॉ अवुल पकिर जैनुलाब्‍दीन अब्‍दुल कलाम जिन्‍हें सभी डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम कहते थे। वह एक ऐसी शख्सियत हैं जिनका नाम सुनते ही दिल और दिमाग उर्जा से भर जाते हैं। डॉ कलाम एक महान शिक्षाविद, वैज्ञानिक और आधुनिक भारत की पुरोधा थे। वह इतने सरल और सहज थे कि उन्हें people's President कहा जाता था। देश में उनका योगदान इतना विशाल है कि उन्हें सभी सर्वोच्‍च सम्‍मान से सम्‍मानित किया ।

शिक्षा के प्रति उनका प्रेम इतना था कि जीवन भर सबके बीच शिक्षा बांटते रहे। चाहे फिर वह एक वैज्ञानिक रहे हो या फिर देश राष्ट्रपति के पद पर। युवाओं और समाज के बीच हमेशा शिक्षा के प्रचार में लगे रहे। शिक्षा से उनका लगाव ऐसा था कि अपने अंतिम समय में भी बच्‍चों को शिक्षा दें रहे थे। उनके विचार आज भी प्रेरणा स्‍त्रोत है। भारतीय इतिहास में 15 अक्टूबर का दिन बेहद खास है। भारत को मिसाइल और परमाणु शक्ति संपन्न बनाने में अतुलनीय योगदान देने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 1931 में जन्‍मे थे। वे महान वैज्ञानिक जिनकी अगुवाई में भारत ने सबसे खतरनाक और घातक स्वदेशी मिसाइल का निर्माण किया। कलाम साहब के मन में भारत को विकसित करने का सपना पलता था। हम सबके दिलों में बसे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर जानते हैं उनके बारे में विशेष बातें।

- एपीजे अब्दुल कलाम ने 1998 के पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने पूरी टीम को लीड किया था। भारत के मिसाइल विकास में उनका विशेष योगदान रहा। इसलिए उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है। अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास और संचालन में उनका विशेष योगदान रहा।

-शिक्षा से जुड़े हर कार्यक्रम में वह पहुंचते थे। वह शिक्षा का अधिक से अधिक प्रचार करते थे। अपने संपूर्ण जीवन में उन्होंने करीब 25 किताबें लिखी। इंडिया 2020, विजन फॉर द न्यू मिलेनियम, मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथ विशेष है।

- एपीजे अब्दुल कलाम पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जो शाकाहारी और कुंवारे थे। वह देश के 11वें राष्ट्रपति थे। साल 2002 से 2007 तक वे राष्ट्रपति रहे।

- जानकर आश्चर्य होगा कि एपीजे अब्दुल को देश-विदेश के 48 विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की उपाधि दी।

- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के तीन सर्वोच्च पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किया जा चुका है। पद्म भूषण -1981, पद्म विभूषण-1990 और भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- भारत रत्न से - 1997 सम्मानित किया गया।  भारत रत्न से सम्मानित होने वाले अब्दुल कलाम भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे।

- राष्ट्रपति से पहले वह पीएम के मुख्य सलाहकार भी रह चुके हैं। 1992 से 1999 तक वह मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ सचिव रहे।

- इतने बड़े वैज्ञानिक रहे एपीजे अब्दुल कलाम के घर में कभी टीवी नहीं था। वह हमेशा रेडियो ही सुनते थे।

- एपीजे अब्दुल कलाम की बायोग्राफी, 'विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी' अंग्रेजी में छपी थी। हालांकि यह इतनी प्रसिद्ध हो गई कि चीनी और फ्रेंच सहित 13 भाषाओं में यह किताब छपी।

- अब्दुल मात्र 10 साल की उम्र के थे और वह अखबार बेचा करते थे। वह धर्म से मुसलमान थे लेकिन दिल से धर्मनिरपेक्षतवादी थी। उनके लिए मानवता सभी धर्मों से ऊपर है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

8 वेजिटेरियन फूड्स जो नैचुरली कम कर सकते हैं बैड कोलेस्ट्रॉल, जानिए दिल को हेल्दी रखने वाले सुपरफूड्स

सोते समय म्यूजिक सुनना हो सकता है बेहद खतरनाक, जानिए इससे होने वाले 7 बड़े नुकसान

चाय कॉफी नहीं, रिफ्रेशिंग फील करने के लिए रोज सुबह करें ये 8 काम

क्या आपको भी चीजें याद नहीं रहतीं? हो सकता है ब्रेन फॉग, जानिए इलाज

क्या है सिटींग वॉकिंग का 2 पर 20 रूल? वेट लॉस और ब्लड शुगर मैनेज करने में कैसे कारगर?

सभी देखें

नवीनतम

पार्टनर से रोमांटिक अंदाज में कहें गुड नाइट, भेजें ये 20 दिल छू जाने वाले गुड नाइट कोट्स

इन 6 लोगों को नहीं पीनी चाहिए छाछ, जानिए वजह

भारत में कोरोना का JN.1 वैरिएंट: जानिए कितना है खतरनाक और क्या हैं इसके प्रमुख लक्षण

बाल कविता: इनको करो नमस्ते जी

डिजिटल युग में कविता की प्रासंगिकता और पाठक की भूमिका

अगला लेख