उन्होंने तत्काल अपना निर्णय सुनाया और कहा- 'इसके दोनों हाथ और पैर काट दो,' ऐसे जघन्य अपराध के लिए इससे कम कोई सजा नहीं हो सकती।
छत्रपति शिवाजी महाराज जीवनपर्यंत साहसिक कार्य करते रहे और हमेशा गरीब, बेसहारा लोगों को प्रेम और सम्मान देते रहें। ऐसे थे छत्रपति वीर शिवाजी महाराज।