जान पर बन आई, श्वास नली में फंसी जिंदा मछली...

Webdunia
सोमवार, 16 अक्टूबर 2017 (14:26 IST)
बोर्नमाउथ। दक्षिणी इंग्लैंड के बॉसकॉम्ब में मछली मारने के लिए एक छह इंच लम्बी मछली लोंग डोवर सोल एकाएक आदमी के मुंह में प्रवेश कर गई। घटना से ब्रिटिश व्यक्ति की हृदय ‍गति बंद हो गई। 
 
डेली इको में प्रकाशित समाचार के मुताबिक इस 28 वर्षीय व्यक्ति का नाम नहीं बताया गया जिसकी पांच अक्टूबर को हृदयगति रुक गई थी क्योंकि मछली एकाएक उसके मुंह में जाकर फंस गई। इससे गले का मार्ग अवरुद्ध हो गया, लेकिन चिकित्सा सहायकों ने सोल फ्री को चिमटी से पकड़कर गले से बाहर निकाल लिया।  
 
दक्षिण पश्चिमी एम्बुलेंस सेवा के जवाबदेह आपातकालीन कार्यकर्ता मैट हैरिसन का कहना था कि वह मौके पर दो मिनट के अंदर पहुंच गया था। जब वह आया तो घाट के बंधे एक खंबे पर बहुत धीमी रोशनी में एक आदमी मछली पकड़ रहा था और जब घटनास्थल पर जाकर देखा तो उसका एक दोस्त हृदय और फेफड़ों को फिर से सक्रिय करने के लिए छाती की मालिश कर रहा था और मुंह से फेफड़ों तक हवा पहुंचाने में लगा था। 
 
उसके दोस्त ने हैरिसन को बताया कि 28 वर्षीय पीड़ित ने मजाक में हाल में पकड़ी मछली को मुंह में रख लिया। सोल इसके बाद मुक्त होकर पीड़त के गले में नीचे चली गई। एक दूसरे चिकित्सा सहायक मार्टिन बॉक्स ने कहा कि प्रारंभ में हमें नहीं पता कि स्थिति के फैलाव का पता नहीं था और क्या चीज मरीज के गले में अवरोध पैदा कर रहा है, लेकिन जब हमने सवाल किया कि तो पता लगा कि एक समूची मछली उसकी श्वासनली में फंस गई है।       
 
इस घटना के बाद बीमार के हृदय ने काम करना बंद कर दिया था इसलिए चिकित्सा सहायकों ने कृत्रिम श्वास देने, दिल और फेफड़ों को फिर से चालू करने के उपाय जारी रखे। चिकित्सा सहायकों ने एक थैली और मॉस्क की मदद से श्वासनली को हवादार बनाने की कोशिश की लेकिन उसका श्वास मार्ग बंद ही रहा। हैरिसन का कहना था कि यह स्पष्ट हो गया था कि हमें मरीज के गले से मछली को बाहर निकालना था और उसे जल्दी से जल्दी रॉयल बोर्नमाउथ अस्पताल पहुंचाना होगा वरना उसका बचना संभव नहीं था।
 
हैरिसन ने लैरिंजोस्कोप की मदद से मुंह और गले को फैलाया और देखा कि उसके गले के टिशूज का रंग बदल गया था लेकिन मैंने मैकगिल्स चिमटी की मदद से मछली की पूंछ को पकड़ा और सावधानी के साथ मछली की पूंछ के टूटे बिना मछली को निकालने की कोशिश की हालांकि मछली के कांटे और गलफड़ों का अवरोध बना रहा। इसके बाद मरीज अस्पताल पहुंच गया था। और अंतत: चिमटी की मजबूत पकड़ से मछली को बाहर निकाल लिया गया। इस प्रकार मरीज की जान बच गई। 

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