राजस्थान के इस गांव जाने के लिए क्यों लगता है 'न्यू अमेरिका' का टिकट, कारण जानकर घूम जाएगा सिर

WD Feature Desk
शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 (16:15 IST)
New America Village in Rajasthan : राजस्थान का फलोदी जिला अपनी ऐतिहासिक इमारतों और अनूठी संस्कृति के लिए जाना जाता है, लेकिन इसी जिले में एक ऐसा गांव भी है जिसका नाम सुनते ही हर कोई हैरान रह जाता है – लोर्डियां गांव, जिसे आज न्यू अमेरिका के नाम से जाना जाता है। जोधपुर से मात्र 120 किलोमीटर दूर बसा यह गांव अपनी अनोखी पहचान के कारण पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
 
1951 की होली और न्यू अमेरिका' का जन्म
लोर्डियां गांव का नाम 'न्यू अमेरिका' कैसे पड़ा, इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है जो साल 1951 की होली से जुड़ी है। उस साल, होली के मौके पर गांव में एक यादगार मुशायरा (कवियों का सम्मेलन) आयोजित किया गया था। इस मुशायरे में गांव के लोगों ने दो समूह बनाए। एक समूह ने अपने आपको "न्यू अमेरिका" नाम दिया, जबकि दूसरे समूह ने "लालचीन" नाम चुना।

समय के साथ, "लालचीन" नाम धीरे-धीरे लोगों की यादों से मिट गया, लेकिन "न्यू अमेरिका" नाम लोगों की ज़ुबान पर ऐसा चढ़ा कि आज भी यह गांव इसी नाम से जाना जाता है। इस तरह, लगभग 300 साल पुराने इस गांव को एक नया नाम और एक नई पहचान मिली, जिसने इसकी तकदीर बदल दी।

क्यों 'न्यू अमेरिका' जाने के लिए लगता है अमेरिका का टिकट?
यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या वाकई इस गांव में जाने के लिए अमेरिका का टिकट लगता है? इसका सीधा जवाब है - नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है! यह केवल एक रचनात्मक और मज़ाकिया जुमला है जो गांव के अनूठे नाम और उसकी प्रसिद्धि को दर्शाता है। लोर्डियां गांव, या 'न्यू अमेरिका', भारत का ही एक हिस्सा है और यहां जाने के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय टिकट की आवश्यकता नहीं होती है। आप सामान्य भारतीय परिवहन साधनों का उपयोग करके आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।

यह जुमला इस बात का प्रतीक बन गया है कि कैसे एक गांव ने अपनी पहचान को एक अनोखे नाम के साथ जोड़कर एक खास पहचान बनाई है। यह कहानी दर्शाती है कि कैसे छोटे-छोटे आयोजन और स्थानीय कहानियाँ एक स्थान को एक नया जीवन दे सकती हैं। 'न्यू अमेरिका' नाम सिर्फ एक नाम नहीं है, बल्कि यह लोर्डियां गांव की एक अनोखी पहचान बन गया है। यह नाम गांव के लोगों के बीच आपसी सौहार्द, रचनात्मकता और एकजुटता का भी प्रतीक है। यह कहानी हमें बताती है कि कैसे एक सामान्य गांव एक असामान्य और यादगार नाम के साथ अपनी एक अलग जगह बना सकता है।
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