नई दिल्ली। अमेरिका की जलवायु कार्य योजनाओं को लेकर उसकी आलोचना करते हुए पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली भारतीय संस्था ने कहा कि अमेरिका का सामान्य कामकाज वाला रुख दुनिया को गंभीर खतरे में डाल रहा है और जलवायु परिवर्तन से लड़ने का सारा बोझ भारत जैसे विकासशील देशों पर डाल रहा है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एंवायरमेंट (सीएसई) ने अपने विश्लेषण में कहा है, 'जैसा चल रहा है वैसा चलने दो वाला, अमेरिका के रुख का अर्थ है जलवायु परिवर्तन से लड़ने का बोझ भारत जैसे देशों पर डालना।'
सीएसई ने यह बात कैप्टन अमेरिका- अमेरिकी जलवायु लक्ष्य अमेरिका के भावी राष्ट्रीय रूप से तय भागीदारी (आईएनडीसी) या स्वैच्छिक कटौती का लेखा-जोखा शीषर्क वाले अपने विश्लेषण में कही है।
ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर अमेरिका के आईएनडीसी के अपने विश्लेषण में सीएसई ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए यह दुनिया को गंभीर खतरे में भी डाल रहा है।
वर्तमान में ही जलवायु परिवर्तन का प्रतिकूल प्रभाव भारत जैसे देशों पर प्रत्यक्ष रूप से दिख रहा है जहां अनियमित मौसम नई सामान्य बात होती जा रही है और इससे गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।
सीएसई ने अपनी रिपोर्ट में और भी कई बातें कहीं हैं। गैर सरकारी संगठन ने अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को भी सौंपा है। (भाषा)