इस्लामाबाद। अमेरिका से बिगड़ते रिश्तों के मद्देनजर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने की आशंका के बीच पाकिस्तान इन दिनों एक आपात योजना बना रहा है। अपनी इस योजना में पाकिस्तान रूस, चीन तथा कई अन्य देशों से अपने कूटनीतिक, आर्थिक एवं रक्षा संबंधों को और मजबूती देने पर जोर दे रहा है।
दैनिक अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून में सरकारी अधिकारियों के हवाले से बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान रूस, चीन तथा कई अन्य देशों से अपने कूटनीतिक, आर्थिक एवं रक्षा संबंधों को और मजबूती देने पर जोर दे रहा है। सरकार समान विचारधारा वाले देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कार्यकारी समूह के गठन के प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है।
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, इस बारे में संबंधित देशों से विचार-विनिमय के बाद औपचारिक ऐलान किया जाएगा। सरकार इन देशों को पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने पर कई तरह की सहूलियतें देगी।
अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान सरकार समान विचारधारा वाले देशों को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से जुड़ने का भी प्रस्ताव देगी। पाकिस्तान ने अमेरिका से बातचीत के लिए पांच सूत्री कार्यसूची को अंतिम रूप दे दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति अमेरिका के साथ भविष्य में संबंधों को लेकर एक रणनीति भी बनाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अफगानिस्तान से संबंधित नई रणनीति की घोषणा के बाद से पाकिस्तानी अधिकारी और सैन्य प्रशासन अमेरिका के अधिकारियों के बयानों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह तय किया गया है कि पाकिस्तान अब किसी तरह की और मांग को लेकर झुकेगा नहीं। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान हाल ही में पाकिस्तानी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच नई अफगान नीति को लेकर हुई बैठकों के नतीजों पर ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है। इसी क्रम में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ और अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस की कुछ दिनों पूर्व वॉशिंगटन में एक बैठक हुई थी।
अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिल्लरसन और रक्षामंत्री जिम मैटिस इसी महीने पाकिस्तान के दौरे पर आने वाले हैं। पाकिस्तान सरकार ने दोनों अमेरिकी मंत्रियों से बातचीत के लिए पांच सूत्री कार्यसूची को अंतिम रूप दे दिया है। (वार्ता)