बलूच नेताओं ने किया पाकिस्तान से आजादी का ऐलान, भारत का साथ देने का वादा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 14 मई 2025 (21:09 IST)
भारत से मुंह की खाकर बैठे पाकिस्तान मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पाकिस्तान में बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं। बलूच नेता मीर यार बलूच ने बुधवार को राज्य में दशकों से हो रही हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान से स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक संभावित घोषणा की जानी चाहिए क्योंकि आतंकवादी पाकिस्तान का पतन निकट है।
 
एक प्रमुख बलूच कार्यकर्ता और लेखक, मीर यार बलूच ने पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर बयानों की एक श्रृंखला साझा की, जिसमें "बलूचिस्तान गणराज्य" के गठन की घोषणा की और नई दिल्ली में बलूच दूतावास स्थापित करने के लिए भारत सरकार को बुलाया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से घोषणा को मान्यता देने और मुद्रा और पासपोर्ट जारी करने सहित बुनियादी राज्य कार्यों के लिए धन प्रदान करने की अपील की।
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बलूच नेता ने कहा है कि तुम मारोगे हम टूटेंगे, हम नाक बचाएंगे आओ हमारा साथ दो। उन्होंने भारतीय नागरिकों, खासतौर पर मीडिया, यूट्यूबरों और बुद्धिजीवियों से बलूचों को 'पाकिस्तान के अपने लोग' कहने से बचने का आग्रह किया है। 
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One renowned journalist asked me.

Question: Is the date of independence of Balochistan be declared when Paki6army leaves Baloch soil?

Me: We have already declared our independence on 11 August 1947 when Britishers were leaving Balochistan, and the subcontinent.

— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) May 14, 2025 >
भारत का समर्थन किया 
मीर यार बलूच ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) पर भारत के रुख का भी पूरा समर्थन किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर इस क्षेत्र को खाली करने के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया।
मीर यार ने कहा कि बलूचिस्तान भारत द्वारा पाकिस्तान को पीओके खाली करने के लिए कहने के फैसले का पूरा समर्थन करता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान से आग्रह करना चाहिए कि वह ढाका में अपने 93,000 सैन्यकर्मियों के आत्मसमर्पण के एक और अपमान से बचने के लिए तुरंत पीओके छोड़ दे।

बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं
मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भावुक अपील में लिखा कि तुम मारोगे, लेकिन हम निकलेंगे, क्योंकि हम नस्ल बचाने निकले हैं, आओ हमारा साथ दो। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान में बलूच लोग सड़कों पर हैं और ये उनका फैसला है कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है और दुनिया अब मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती।
 
क्या है ब्लूचिस्तान की कहानी
4 अगस्त 1947 को लार्ड माउंटबेटन, मिस्टर जिन्ना, जो बलूचों के वकील थे, सभी ने एक कमीशन बैठाकर तस्लीम किया और 11 अगस्त को बलूचिस्तान की आजादी की घोषणा कर दी गई। वादे के मुताबिक उसे एक अलग राष्ट्र बनना था 1 अप्रैल 1948 को पाकिस्तानी सेना ने कलात पर अभियान चलाकर कलात के खान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया। बाद में 27 मार्च 1948 को पाकिस्तान ने संपूर्ण बलूचिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया। 
तभी से अब तक बलूच अपनी आजादी के लिए पाकिस्तानी सेना से लड़ रहे हैं। पाकिस्तानी सेना ने अब तक 2 लाख से ज्यादा बलूचों को मार दिया है। करीब 347,190 वर्ग किलोमीटर में फैला बलूचिस्तान भारत से सैन्य हस्तक्षेप की मांग कर रहा है। बलूचिस्तान भी पाकिस्तान के लिए नाक का बाल बन गया है। 2016 में भारत के सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने एक बयान में कहा था कि अगर अब पाकिस्तान निर्दोष लोगों पर गोली चलाता है तो उसे बलूचिस्तान खोना पड़ सकता है। Edited by: Sudhir Sharma 

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