बॉर्डर पर सीमा समझौते का उल्लंघन कर रहा है चीन, विदेश मंत्री जयशंकर की दो टूक

Webdunia
रविवार, 21 अगस्त 2022 (22:48 IST)
साओ पाउलो (ब्राजील)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। जयशंकर ने कहा कि चीन सीमा समझौते का उल्लंघन कर रहा है। जयशंकर ने कहा है कि चीन ने भारत के साथ सीमा समझौतों की अवहेलना की है। इससे दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्थायी संबंध एकतरफा नहीं हो सकते है और इसमें परस्पर सम्मान होना चाहिए।
 
क्षेत्र के साथ समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दक्षिण अमेरिका की अपनी 6दिवसीय यात्रा के पहले चरण में यहां पहुंचे जयशंकर ने शनिवार को यहां भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की।
 
भारत-चीन संबंधों पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच 1990 के दशक से समझौते हैं। उन्होंने कहा कि चीनी इसकी अवहेलना की है। कुछ साल पहले गलवान घाटी में क्या हुआ था, आप जानते हैं। उस समस्या का समाधान नहीं हुआ है और यह स्पष्ट रूप से प्रभाव डाल रहा है।
 
पूर्वी लद्दाख में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है। पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को हुए गतिरोध का समाधान करने के लिए दोनों पक्षों ने अब तक कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की वार्ता की है।
 
वर्ष 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत रहे जयशंकर ने कहा कि संबंध एकतरफा नहीं हो सकते और इसे बनाए रखने के लिए परस्पर सम्मान होना चाहिए।
 
जयशंकर ने कहा कि वे हमारे पड़ोसी हैं और हर कोई अपने पड़ोसी के साथ मैत्री के साथ रहना चाहता है ... मुझे आपका और आपको मेरा सम्मान करना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट हैं कि यदि आपको बेहतर संबंध बनाने है, तो एक-दूसरे के प्रति सम्मान होना चाहिए। प्रत्येक के अपने हित होंगे और हमें एक-दूसरे की चिंताओं के बारे में संवेदनशील होने की जरूरत है।
 
जयशंकर ने कहा कि स्थायी संबंध एकतरफा नहीं हो सकते। हमें आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता की आवश्यकता है।
 
पिछले सप्ताह बैंकॉक में जयशंकर ने कहा थ कि चीन ने सीमा पर जो किया है, उसके बाद भारत और उसके संबंध अत्यंत मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अगर दोनों पड़ोसी देश हाथ नहीं मिलाते हैं तो एशियाई शताब्दी नहीं आएगी।
 
जयशंकर ने बैंकॉक में प्रतिष्ठित चुलालांगकोर्न विश्वविद्यालय में ‘हिंद-प्रशांत का भारतीय दृष्टिकोण’ विषय पर व्याख्यान देने के बाद कुछ प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही थी।
 
ब्राजील के अलावा, जयशंकर पराग्वे और अर्जेंटीना का दौरा करेंगे, और यह विदेश मंत्री के रूप में दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र की उनकी पहली यात्रा है।
 
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य महामारी के बाद के युग में सहयोग के नए क्षेत्रों को तलाशना है। (इनपुट भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Changur Baba : छांगुर बाबा की पूरी कहानी, धर्मांतरण का रैकेट और करोड़ों की संपत्ति, STF और ATS के चौंकाने वाले खुलासे

भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना : अब खुद भर सकेंगे अपनी जानकारी

प्रियंका और माही की बीमारी के आगे क्‍यों लाचार हुए पूर्व CJI, क्‍या है उनका बंगला कनेक्‍शन

UP : अंबेडकरनगर सरकारी आवास से मिले 22.48 लाख रुपए के 100 और 500 के पुराने नोट, ACMO की 11 साल पहले हुई थी मौत, बेड और अटैची से मिलीं नोटों की गड्डियां

क्यों डरे हुए हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, घर और बाहर दोनों जगह घिरे

सभी देखें

नवीनतम

भोपाल में 90 डिग्री पुल के बाद एक्टिव हुआ PWD विभाग, निर्माणाधीन पुलों की जांच के लिए बनी कमेटी, इंदौर सांसद ने भी लिखा पत्र

Mohan Cabinet Decision : 49 हजार से अधिक पद मंजूर, किसानों को राहत, जलकर माफ, मोहन कैबिनेट की बैठक में बड़े फैसले

महाराष्ट्र में उद्धव और राज ठाकरे क्‍यों आए साथ, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने दिया जवाब

भोपाल में 90 डिग्री मोड़ वाले आरओबी के बाद इंदौर में बन रहे पुल के डिजाइन पर उठे सवाल, सांसद ने लोक निर्माण मंत्री को लिखा पत्र

Starlink को INSPACe की हरी झंडी, भारत में 5 साल तक Satellite Internet

अगला लेख