बीजिंग। चीन ने मंगलवार को विदेश मंत्री छिन कांग को बर्खास्त कर दिया और वरिष्ठ नेता वांग यी को इस पद पर फिर से नियुक्त किया। इस नियुक्ति के साथ सख्त प्रशासन वाले कम्युनिस्ट देश में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के करीबी विश्वासपात्र से जुड़े दुर्लभ घटनाक्रम का अंत हो गया। छिन लगभग एक महीने से सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं। छिन को लेकर कई तरह की अटकलों के बीच चीन की नाम मात्र की संसद ने उन्हें हटाने के फैसले को मंजूरी दे दी।
छिन (57) को पिछले साल दिसंबर में कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर विदेश मंत्री बनाया गया था और उन्हें सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) में एक उभरते सितारे के तौर पर देखा जा रहा था। वह चीन के इतिहास में इस पद पर नियुक्त सबसे कम उम्र के व्यक्तियों में से एक थे।
शी ने छिन को विदेश मंत्री बनाए जाने से पहले वाशिंगटन के साथ बीजिंग के तनाव भरे संबंधों को स्थिर करने के लिए अमेरिका में चीन का राजदूत बनाया था। छिन को अचानक हटाए जाने का कोई कारण नहीं बताया गया है। श्रीलंका, वियतनाम और रूस के अधिकारियों से 25 जून को मुलाकात के बाद छिन को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है।
चीन की संसद ने छिन के पूर्ववर्ती वांग को फिर से नियुक्त किया, जिन्हें जनवरी में सीपीसी के विदेश मामलों के आयोग के निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया था।
सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' की खबर के अनुसार, चीन की संसद ने वांग (69) को विदेश मंत्री नियुक्त करने के लिए मतदान किया और छिन को पद से हटा दिया। खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति शी, जो सीपीसी के महासचिव भी हैं, ने आदेश पर हस्ताक्षर किए।
वांग ने 2013 से 2022 तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। चीनी राजनीतिक पदानुक्रम में विदेश मंत्री का पद सीपीसी के विदेश मामलों के आयोग के निदेशक से काफी नीचे है। वांग को सीपीसी के उच्च राजनीतिक पद, स्टेट काउंसलर के पद पर भी पदोन्नत किया गया था।
छिन के जनता की नजरों से ओझल रहने और बैठकों से दूर रहने के कारण कयास लगाए जाने लगे कि वह स्वस्थ नहीं हैं। बाद में भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल होने के अलावा हांगकांग के 'फोनिक्स टीवी' में कार्यरत एक चीनी पत्रकार के साथ उनके कथित संबंध की अफवाहें भी फैलीं।
चीनी विदेश मंत्रालय छिन की अनुपस्थिति और वह कहां हैं, इस बारे में पत्रकारों के सवालों को लगातार टालता रहा। सोमवार को बीजिंग में कई तरह के कयास लगाए जाने लगे, जब यह घोषणा की गई कि चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति एक अधिकारी को नियुक्त करने और हटाने के लिए मंगलवार को आपातकालीन सत्र आयोजित करेगी।
मंगलवार को एनपीसी सत्र की घोषणा राष्ट्रपति शी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद हुई। छिन को पद से हटाए जाने को शी के लिए एक बड़ा झटका और शर्मिंदगी का सबब माना जा रहा है, जो सीपीसी संस्थापक माओत्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे हैं।
विदेश मंत्री के रूप में अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान, छिन ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कारण तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को सहज बनाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से दो बार मुलाकात की।
दिलचस्प है कि वांग ने सोमवार को जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक के मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से मुलाकात की। बैठक के दौरान, डोभाल ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन एवं शांति बहाली के प्रयास जारी रखने की जरूरत पर जोर दिया ताकि द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की 'बाधाओं' को दूर किया जा सके।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta