अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जहां अधिकतर देश काबुल में अपने दूतावासों को बंद करके अपने नागरिकों को निकालने में जुटे हैं, वहीं चीन तालिबान के साथ के दोस्ताना संबंध बनाने के लिए तैयार है। गौरतलब है इस बीच तालिबानी नेता ने चीन के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की थी।
खबरों के अनुसार, चीन ने सोमवार को कहा कि वह तालिबान के साथ दोस्ताना रिश्ता विकसित करना चाहता है। चीन ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ रिश्ते को मजबूती देने के मौके का इसने स्वागत किया है। चीनी प्रवक्ता ने कहा, तालिबान ने बार-बार चीन के साथ अच्छे रिश्ते की उम्मीद जाहिर की है और वे अफगानिस्तान के विकास और पुनर्निर्माण में चीन की सहभागिता को लेकर आशान्वित हैं।
बीजिंग को लंबे समय से यह डर था कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से शिजियांग प्रांत में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के अलगाववाद को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन पिछले महीने तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी और उनसे वादा किया था कि अफगानिस्तान को आतंकियों के बेस के रूप में इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा।