राजनीतिक पूर्वाग्रह से बचने के लिए फेसबुक ने किए बदलाव

Webdunia
मंगलवार, 24 मई 2016 (11:20 IST)
फेसबुक ने कहा है कि वह 'ट्रेंड' करने (बेहद चर्चा में रहने वाले) वाले मुद्दों से राजनीतिक पक्षपात को दूर रखने के लिए कुछ बदलाव कर रहा है। हालांकि आंतरिक जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि ऐसा कोई राजनीतिक पक्षपात हो रहा है।
वाणिज्य समिति की अध्यक्षता करने वाले रिपब्लिकन सीनेटर जॉन थून की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए फेसबुक के जनरल काउंसल कोलिन स्ट्रेच ने कल एक पत्र के जरिए कहा, 'हमारी जांच में पाया गया है कि 'ट्रेंडिंग टॉपिक्स' के फीचर में शामिल मुद्दों की प्राथमिकता तय करने में व्यवस्थागत राजनीतिक पक्षपात किए जाने से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला है।'
 
उन्होंने कहा, 'वास्तव में, हमारे विश्लेषण में यह संकेत मिला है कि ट्रेंडिंग ट्रॉपिक्स में कंजर्वेटिव और लिबरल मुद्दों को मंजूरी दिए जाने की दर एक समान ही है।' स्ट्रेच ने पत्र में कहा कि फेसबुक अज्ञात सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों में लगाए गए पक्षपात के आरोपों को सत्यापित करने में विफल रहा। स्ट्रेच के इस पत्र की एक प्रति इस प्रमुख सोशल नेटवर्क द्वारा उपलब्ध कराई गई थी।
 
स्ट्रेच ने कहा, 'अपने उत्पादों को लगातार बेहतर बनाने और मानवीय निर्णय से जुड़ी चीजों में जोखिम को न्यूनतम करने की हमारी प्रतिबद्धता के तहत हम कई बदलाव कर रहे हैं।' पत्र में कहा गया है कि फेसबुक ने अपने दिशा-निर्देर्शों में शब्दों को अपडेट किया है ताकि वे ज्यादा स्पष्ट हो सकें और समीक्षकों को नए प्रकार का प्रशिक्षण दे सकें। इस प्रशिक्षण में इस बात पर जोर दिया गया है कि सामग्री से जुड़े निर्णय राजनीति या विचारधारा पर आधारित नहीं होने चाहिए।
 
समीक्षा दल ज्यादा निरीक्षण और नियंत्रण रखेगा और फेसबुक अपने पोस्ट्स में आए विभिन्न मुद्दों के महत्व के आकलन के लिए बाहरी वेबसाइटों और खबरिया माध्यमों पर निर्भर नहीं करेगा।
 
स्ट्रेच ने कहा, 'हम चाहते हैं कि लोगों को इस बात का यकीन हो कि हमारा समुदाय हर विचार का स्वागत करता है।' फेसबुक के राजनीतिक रूप से एक ओर झुके होने के आरोपों को खारिज करने के उद्देश्य से की गई बैठक के बाद फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने पिछले सप्ताह कहा था कि कंजर्वेटिव लोग सोशल नेटवर्क का एक अहम हिस्सा हैं।
 
उन्होंने कंपनी के कैलिफोर्निया स्थित मुख्यालय में कंजर्वेटिव-रोधी पक्षपात करने के आरोपों पर चर्चा के लिए हुई बैठक के बाद अपने फेसबुक पेज पर कहा था, 'हमने फेसबुक बनाया ताकि वह सभी विचारों का मंच बन सके।'
 
जकरबर्ग ने कहा, 'हमारे मिशन या हमारे कारोबार के लिए यह उचित नहीं है कि राजनीतिक सामग्री को दबाया जाए या किसी को उसके लिए सर्वाधिक महत्व रखने वाली चीज देखने से रोका जाए।' उन्होंने यह बैठक प्रौद्योगिकी से जुड़े आउटलेट गिज्मोदो द्वारा एक सप्ताह पहले आरोपों की जानकारी दिए जाने पर बुलाई थी। आरोपों में कहा गया था कि फेसबुक जानबूझकर कंजर्वेटिव नजरिए वाले लेखों को उस साइडबार से हटा रहा है, जो चर्चित मुद्दों की सूची दिखाता है। (भाषा)
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