क्या बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़कने वाली है। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने मौत की सजा के विरोध में 30 नवंबर तक देशव्यापी आंदोलन और प्रतिरोध मार्च का मंगलवार को ऐलान किया। हसीना फिलहाल भारत में हैं, जबकि माना जा रहा है कि कमाल भी भारत में ही छिपा हुआ है। इससे मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की नींद उड़ गई है।
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को पिछले वर्ष जुलाई में उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के दौरान किए गए मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए 17 नवंबर को एक विशेष न्यायाधिकरण द्वारा उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई गई।
महीनों तक चले मुकदमे के बाद अपने फैसले में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने 78 वर्षीय अवामी लीग नेता को हिंसक दमन का 'मास्टरमाइंड और प्रमुख सूत्रधार' बताया, जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में, अवामी लीग ने आरोप लगाया कि न्यायाधिकरण का फैसला मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा हसीना और उनकी पार्टी को अगले साल फरवरी में होने वाले चुनाव से बाहर रखने के लिए एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। Edited by : Sudhir Sharma