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बांग्लादेश हिंसा मामले में शेख हसीना दोषी, ICT ने फांसी की सजा सुनाई

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 2024 बांग्लादेश हिंसा मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दोषी करार दिया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई है।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

ढाका , सोमवार, 17 नवंबर 2025 (14:20 IST)
Sheikh Hasina in hindi : अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने सोमवार को 2024 बांग्लादेश हिंसा मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दोषी करार दिया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी पाया, जिसमें निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या करना शामिल है।
 
आईसीटी की 3 सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का दोषी ठहराया है। महीनों तक चले मुकदमे में उन्हें पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह पर घातक कार्रवाई का आदेश देने का दोषी पाया गया था।
 
क्‍या था पूरा मामला : बांग्लादेश में छात्रों के एक आंदोलन ने 5 अगस्त 2024 को हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका था। हसीना सरकार पर आंदोलनकारियों के दमन का आरोप है। इन आरोपियों पर पांच धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्य शामिल हैं।
 
क्या बोलीं शेख हसीना : शेख हसीना ने अपने खिलाफ फैसला आने से पहले रविवार रात को सोशल मीडिया पर ऑडियो संदेश जारी किया था। उन्होंने अपनी पार्टी अवामी लीग के समर्थकों से सरकारी प्रतिबंध के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रखने के लिए कहा है। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि डरने की कोई बात नहीं है क्योंकि मैं जिंदा रहूंगी और लोगों के लिए लड़ूंगी।

क्या है बांग्लादेश का हाल : फैैसले से पहले ही अवामी लीग ने ढाका बंद का आह्वान किया, इसके चलते शहर में असामान्य शांति छा गई। सड़कें खाली रहीं, और हजारों लोग घरों में कैद हो गए। देर रात आवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने राजधानी ढाका में बसों और सरकारी इमारतों में आग लगा दी गई। कई अन्य जिलों में भी हिंसक प्रदर्शन की खबरे हैं।

हिंसा को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था सख्‍त कर दी गई है।  प्राधिकारियों ने सेना, अर्धसैनिक बल ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ (बीजीबी) और दंगा नियंत्रण उपकरणों से लैस पुलिस को तैनात किया है। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं।
 
इस मामले में शेख हसीना, अपदस्थ गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर मुकदमा चलाया गया। हसीना और कमाल पर उनकी अनुपस्थिति में सुनवाई हुई और अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। 
edited by : Nrapendra Gupta 

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