जापान में जलप्रलय : 100 की मौत, 20 लाख हुए बेघर तो मदद के लिए उतरी सेना...

Webdunia
सोमवार, 9 जुलाई 2018 (16:09 IST)
मिहारा। पश्चिमी जापान में पिछले कई दिनों से जारी मूसलधार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में सोमवार तक कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई तथा कई लापता हैं। मलबे और कीचड़ में फंसे लोगों के राहत और बचाव के लिए अभियान जारी है।


पिछले हफ्ते शुरू हुई मूसलधार बारिश अब कम हो गई है, आसमान साफ हो गया है और कड़क धूप के कारण तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है जिससे बिजली और पानी आपूर्ति से प्रभावित इलाकों में तेज गर्मी का खतरा उत्पन्न हो गया है।

मिहारा निवासी यूमेको मत्सुई ने कहा, हम लोग स्नान नहीं कर सकते, शौचालय दुरुस्त नहीं है और हमारा खाद्य भंडार कम होता जा रहा है। वेगत शनिवार से बगैर पानी के रह रही हैं। आपातकालीन जलापूर्ति स्टेशन पर मौजूद 23 वर्षीय नर्सरी स्कूल के एक कर्मी ने कहा, बोतलबंद पानी या बोतलबंद चाय किसी भी सुविधा केंद्रों या अन्य दुकानों में उपलब्ध नहीं है।

बिजली कंपनियों ने सोमवार को कहा कि करीब 13000 उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बंद है जबकि लाखों लोगों को पानी उपलब्ध नहीं है। राष्ट्रीय टीवी एनएचके के अनुसार, मृतकों की संख्या कम से कम 97 पहुंच गई है और बाढ़ के कारण 20 लाख लोग बेघर हो गए हैं। इससे पूर्व 2004 में तूफान के कारण सबसे अधिक 98 लोगों की मौत हो गई थी।

प्रधानमंत्री के विदेशी दौरे रद्द : प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपने सभी विदेशी दौरे रद्द कर दिए हैं। वे खुद राहत अभियान पर नजर बनाए रखे हैं। राहत अभियान से जुड़े अफसर के मुताबिक, बाढ़ से लगभग 40 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 54000 से ज्यादा जवानों को राहत अभियान में लगाया गया है। पिछले पांच दिनों में हिरोशिमा 42 और एहिमे शहर में 23 मौतें हुईं। बाकी 40 से ज्यादा लोगों की जान ह्योगो, ओकायामा, क्योटो, जिफू, फुकुओका, नागासाकी, सागा, कोची, यामागुची और टोट्टोरी में गई है।
उवाजिमा में 364 मिमी बारिश : उवाजिमा शहर में रविवार को दो घंटे में 364 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक, यह जुलाई में होने वाली औसतन मासिक बारिश का 1.5 गुना ज्यादा है। दूसरी ओर माबी के अस्पताल में रविवार को 250 से ज्यादा लोग फंस गए थे।

मोटरबोट की मदद से बचाव दल ने रविवार रात तक 170 लोगों को बचा लिया, जबकि बाकी के लोगों को सोमवार सुबह निकाला गया। माबी की आबादी 5 लाख से कम है, यहां इस साल अब तक बारिश और भूस्खलन से 77 की मौत हो चुकी है। (वार्ता)

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