वॉशिंगटन। डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा है कि उस पर एक और साइबर हमला हुआ है, जबकि हिलेरी क्लिंटन की प्रचार मुहिम की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है कि जिस एनालिटिक प्रोग्राम का वे इस्तेमाल करते हैं, उसमें पहले ही सेंध मारी जा चुकी है।
पिछले हफ्ते डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (डीएनसी) के सर्वर को हैक किया गया था। इसके बाद कुछ ईमेल सार्वजनिक हुई थीं जिनसे खुलासा हुआ था कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में क्लिंटन के मुकाबले खड़े डेमोक्रेटिक पार्टी के ही बर्नी सेंडर्स की दावेदारी को किस तरह पार्टी के नेताओं ने कमजोर किया था।
क्लिंटन के प्रचार अभियान ने ईमेल हैक करने का दोष रूस पर लगाया है। इन ईमेल को विकीलीक्स ने सार्वजनिक किया था। क्रेमलीन ने आरोपों को बकवास करार दिया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस संभावना को खारिज करने से इनकार कर दिया है कि रूस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में करना चाहता है।
क्लिंटन की प्रचार मुहिम ने कल कहा था कि डीएनसी जिस एनालिटिक्स डाटा प्रोग्राम का इस्तेमाल करती है हैकर ने उस तक पहुंच कर ली थी। इसका प्रबंधन पार्टी करती है। प्रचार मुहिम के प्रवक्ता निक मेरिल ने वक्तव्य जारी कर कहा है, बाहर के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने हमारी कैंपेन कंप्यूटर प्रणाली की जांच की है।
हालांकि अभी तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जिनसे यह साबित होता हो कि हमारी आंतरिक प्रणाली के साथ छेड़छाड़ हुई हो। इसी बीच डेमोक्रेटिट कांग्रेशनल प्रचार समिति (डीसीसीसी) ने कल कहा कि उसे साइबर सुरक्षा हमले का निशाना बनाया गया है।
डीसीसीसी के राष्ट्रीय प्रेस सचिव मेरेडिथ कैली ने एक वक्तव्य में कहा, जांच जारी है। अब तक हमारे पास जो जानकारी है उसके आधार पर जांचकर्ताओं ने बताया है कि यह भी डीएनसी सर्वर में घुसपैठ जैसे अन्य मामलों की तरह ही है। (भाषा)