हांगकांग। हांगकांग के सबसे अमीर व्यक्ति ली का-शिंग ने स्थानीय उद्योगों/व्यापार जगत को 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की राशि दान की है। उनके फाउंडेशन ने शुक्रवार को इस आशय की जानकारी दी।
गौरतलब है कि शहर की मुख्य कार्यकारी कैरी लाम द्वारा शहर में नकाब पर प्रतिबंध लगाए जाने के तुरंत बाद ली का-शिंग ने इतनी बड़ी राशि दान करने की घोषणा की है।
91 वर्षीय अरबपति का कहना है कि इस एक अरब हांगकांग डॉलर (12.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर) की निधि से छोटे और मध्यम उद्योग के व्यापार को लाभ पहुंचेगा। यह राशि सरकार की साझेदारी में बांटी जाएगी।
ली के फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि हांगकांग की अर्थव्यवस्था के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी है, ऐसे में यह कदम उठाया गया है।
हांगकांग में नकाब प्रतिबंध के खिलाफ हजारों ने प्रदर्शन : हांगकांग की नेता कैरी लैम ने 4 महीने से चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर कड़ा रुख अपना लिया है। उन्होंने शुक्रवार को विरले इस्तेमाल होने वाली शक्ति के तहत प्रदर्शनों के दौरान नकाब पहनने पर रोक लगा दी, जिसके विरोध में हजारों प्रदर्शनकारियों ने नकाब पहनकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने शनिवार से नकाब पर लग रहे प्रतिबंध के खिलाफ कारोबारी जिले अन्य इलाकों पर प्रदर्शन किया और ‘हांगकांग के लोग प्रतिकार करेंगे’ के नारे लगाए।
इससे पहले कैम ने दोपहर को कहा कि औपनिवेशिक काल में बने आपातकालीन अध्यादेश के तहत नकाब पर रोक लगाई जाती है और यह हिंसक व्यवहार करने वालों पर लागू होगा। इसका आखिरी बार इस्तेमाल करीब 50 साल पहले हिंसक प्रदर्शनकारियों और दंगाइयों को नियंत्रित करने के लिए किया गया था।
उन्होंने बताया कि ये प्रतिबंध अनधिकृत और पुलिस की मंजूरी के बाद आयोजित सभाओं पर लागू होंगे। लैम ने जोर देकर कहा कि इसका अभिप्राय यह नहीं है कि चीन के अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र हांगकांग में आपात स्थिति है। प्रतिबंध का उल्लंघन कर नकाब पहनने पर 6 महीने की सजा हो सकती है। पुलिस के कहने के बावजूद नकाब नहीं हटाने पर 6 महीने की सजा का प्रावधान है।
लैम ने कहा, हमें हांगकांग को बचाना होगा, हांगकांग के वर्तमान और भविष्य को बचाना होगा। हमें हिंसा रोकनी होगी। हम स्थिति को बद से बदतर होने के लिए नहीं छोड़ सकते।
लैम की ओर से प्रतिबंध की घोषणा के तुरंत बाद दो कार्यकर्ताओं ने अदालत में इसको चुनौती दी, उन्होंने तर्क दिया कि नकाब पर प्रतिबंध से अभिव्यक्ति की आजादी और संगठित होने के अधिकार को क्षति पहुंचेगी और भय का महौल पैदा होगा।
लैम की घोषणा से पहले प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की संख्या शाम को और बढ़ गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें भयभीत नहीं किया जा सकता है। कुछ प्रदर्शनकारियों को सड़क को बाधित करने के लिए धातु के अवरोधक लगाते हुए और सबवे स्टेशन में तोड़फोड़ और आगजनी करते हुए देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने चीन के झंडे को भी जलाया। इसके कारण कई मॉल और सबवे स्टेशन बंद रहे।