UNSC में बोला भारत, कट्टरता और आतंकवाद में डूबा पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को गंभीर कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 23 जुलाई 2025 (10:14 IST)
India in UNSC :  संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तान की अध्यक्षता में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक बैठक में अपने पड़ोसी को कट्टरता में डूबा लगातार कर्ज लेने वाला देश करार दिया। उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को गंभीर कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के विषय पर चर्चा कर रहे हैं, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि कुछ बुनियादी सिद्धांतों का सार्वभौमिक रूप से सम्मान किया जाना चाहिए जिनमें से एक है- आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करना।
 
हरीश ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देना’ विषय पर आयोजित उच्च-स्तरीय खुली चर्चा में अपने राष्ट्र की ओर से बयान दिया। पाकिस्तान 15 देशों की सदस्यता वाली सुरक्षा परिषद का जुलाई के लिए अध्यक्ष है।
 
पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इसहाक डार ने इस खुली चर्चा की अध्यक्षता की, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी संबोधित किया। उन्होंने पाकिस्तान की ओर से परिषद को संबोधित करते हुए जम्मू कश्मीर के साथ-साथ सिंधु जल संधि का मुद्दा भी उठाया।
 
 
हरीश ने डार की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक ओर भारत है जो एक परिपक्व लोकतंत्र, एक उभरती अर्थव्यवस्था और एक बहुलवादी एवं समावेशी समाज है। दूसरी ओर पाकिस्तान है, जो कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ है और आईएमएफ से लगातार कर्ज ले रहा है।
 
इस साल मई में आईएमएफ ने विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) के तहत पाकिस्तान को लगभग एक अरब डॉलर प्रदान करने की मंजूरी दी थी, जिससे इस व्यवस्था के तहत कुल प्रदान की गई राशि लगभग 2.1 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई है।
 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) चैंबर में अपने बयान में हरीश ने पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र किया, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है। हरीश ने इस बात पर जोर दिया कि उन देशों को गंभीर कीमत चुकानी चाहिए जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों एवं अच्छे पड़ोसी की भावना का उल्लंघन करते हैं।
 
उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 25 अप्रैल के बयान के अनुरूप है।
 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में इसके सदस्य देशों ने आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, इसके आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने तथा उन्हें न्याय के कठघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया था।
 
हरीश ने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया केंद्रित एवं संतुलित थी और तनाव बढ़ाने वाली नहीं थी। उन्होंने कहा कि अपने प्राथमिक उद्देश्यों की प्राप्ति के बाद पाकिस्तान के अनुरोध पर सैन्य गतिविधियों को सीधे तौर पर रोक दिया गया।
edited by : Nrapendra Gupta 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Apache Attack Helicopter : 60 सेकंड में दुश्मनों के 128 मूविंग टार्गेट्स पर सटीक वार, भारतीय सेना को मिले 3 अपाचे हेलीकॉप्टर, जानिए खूबियां

अब कब होगा Vice President का चुनाव, क्‍या है पूरी प्रक्रिया और जानिए क्‍या है इस पद के लिए योग्‍यता?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की आखिर क्या थी असली वजह?

उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से उठे कई सवाल, दबाव या स्वेच्छा?

खराब खाने, जाति सूचक शब्दों के प्रयोग के विरोध में 170 छात्रों ने किया अनोखा प्रदर्शन, प्रिंसिपल को हटाया

सभी देखें

नवीनतम

Weather Update: दिल्ली-NCR समेत मैदानी राज्यों में वर्षा जारी, IMD का 5 दिन भारी बारिश का अलर्ट

रेलवे का बड़ा फैसला, अब एक दिन पहले देना होगा इमरजेंसी कोटे के लिए आवेदन

ग्वालियर में दर्दनाक हादसा, तेज रफ्तार कार ने ली 4 कांवड़ियों की जान

LIVE: ब्रिटेन दौरे पर रवाना होंगे पीएम मोदी

बिहार में SIR में मिले 18 लाख मृतक, 7 लाख मतदाताओं का 2 स्थानों पर नाम, क्या बोला ECI

अगला लेख