गुफा में मुश्किल में थी 13 लोगों की जान, भारतीय इंजीनियर्स का रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ा योगदान

Webdunia
बुधवार, 11 जुलाई 2018 (10:56 IST)
थाईलैंड की थैम लुआंग गुफा में बीते 18 दिनों से फंसे 12 बच्चों और उनके कोच को काफी मशक्कत के बाद आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। तीन दिन तक चला यह रेस्क्यू ऑपरेशन अब तक का सबसे जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन था। इस ऑपरेशन में भारतीय इंजीनियर्स की भी बड़ी भूमिका थी।
 
थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों के रेस्क्यू में महाराष्ट्र के सांगली जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी के डिजाइनिंग इंजीनियर प्रसाद कुलकर्णी और उनकी टीम का अहम योगदान रहा है। इन्होंने गुफा में फंसे बच्चों के रेस्क्यू के लिए तकनीकी सपोर्ट दिया था।
 
केबीएल द्वारा जारी बयान के अनुसार, 'एक्सपर्ट्स की टीम गुफा के पास 5 जुलाई से ही मौजूद थी। बचाव अभियान के दौरान गुफा से कैसे पानी निकाला जाए और पंप से कैसे गुफा को पानी से कम किया जाए, इन सभी चीजों पर टेक्निकल सलाह दी गई। इससे गोताखोरों को बच्चों तक पहुंचने में कम समय लगा।' 
 
उल्लेखनीय है कि गुफा में फुटबॉल टीम और उनके कोच 23 जून से फंसे हुए थे। तभी तेज बारिश शुरू हो गई और गुफा से बाहर आने के रास्ता बंद हो गया। ऑपरेशन में कई देशों ने मदद की। थाईलैंड सरकार ने भारत सरकार से किर्लोस्कर पंप भिजवाने की मांग की थी, ताकि गुफा में भरे पानी को बाहर निकाला सके। तीन दिन तक चले इस ऑपरेशन में सभी बच्चों और कोच को बचा लिया गया। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Rate : सस्ता हुआ सोना, कीमतों में 1200 से ज्यादा की गिरावट

भारत को चीन से कोई खतरा नहीं, Sam Pitroda के बयान से Congress का किनारा, BJP ने बताया गलवान के शहीदों का अपमान

Apple का सस्ता मोबाइल, iphone 15 से कम कीमत, मचा देगा तूफान, जानिए क्या होंगे फीचर्स

दिल्ली में आज क्‍यों आया भूकंप, वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब

Vivo V50 price : दमदार AI फीचर्स, 50 MP कैमरा, वीवो का सस्ता स्मार्टफोन मचाने आया धमाल, जानिए फीचर्स

सभी देखें

नवीनतम

GIS 2025: जीआईएस में औद्योगिक निवेश और आर्थिक विकास की संभावनाओं पर होगा मंथन

रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, गिरफ्तारी पर क्या कहा?

LIVE: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रणवीर इलाहबादिया को फटकार, पासपोर्ट सरेंडर करने को भी कहा

उदित राज के बिगड़े बोल, मायावती ने किया पलटवार

उत्तराखंड हाईकोर्ट का सवाल, लिव-इन का पंजीकरण गोपनीयता पर हमला कैसे?

अगला लेख