मे साई। थाईलैंड की बाढ़ ग्रस्त गुफा से फुटबॉल टीम के 12 लड़कों और उनके कोच को सुरक्षित निकाले जाने के बाद फेसबुक पर पोस्ट कर बताया गया कि सभी सुरक्षित हैं।
इन तीन शब्दों के साथ दुनियाभर का ध्यान खींचने वाली 18 दिन की यह कठिन परीक्षा समाप्त हुई जिसमें एक अनुभवी गोताखोर को अपनी जान भी गंवानी पड़ी।
बचाव कार्य में मुख्य भूमिका में रही थाईलैंड के नेवी सील्स ने इस साहसिक कार्य का जश्न कल शाम एक पोस्ट के जरिए मनाया। इसमें उन्होंने लिखा, 'सभी 13 वाइल्ड बोर्स अब गुफा से बाहर हैं।' वाइल्ड बोर बच्चों की फुटबॉल टीम का नाम है।
पोस्ट में कहा गया, 'हमें नहीं पता कि यह कोई करिश्मा है, विज्ञान है या क्या है।'
रविवार और सोमवार को थाईलैंड और अंतरराष्ट्रीय गोताखोरों के एक दल ने आठ लड़कों को बाहर निकाला। मंगलवार को अंतिम बचे चार लड़कों और उनके कोच को गुफा से बाहर लाया गया।
इन सभी के सुरक्षित बाहर आने के बाद एक चिकित्सक और तीन सील गोताखोर भी गुफा से बाहर आए जो कई दिनों तक इन लड़कों के साथ अंदर गुफा में मौजूद थे।
अत्यंत जोखिम भरे इस मिशन के पूरा होने का समाचार मिलते ही बड़ी संख्या में मौजूद स्वयंसेवी और पत्रकारों ने इस साहसिक कार्य की वाहवाही की। गुफा से बाहर निकाले जाने के बाद लड़कों के अस्पताल पहुंचने पर सड़कों पर मौजूद लोगों ने तालियां बजाईं और वाहवाही की।
उनकी इस खुशी की गूंज घटना पर नजर रखे हुए दुनिया भर के हजारों लोगों से भी सुनी जा सकती है। (भाषा)