कनाडा संसद में 'डॉक्‍टरी सहायता से मृत्यु वरण' विधेयक पारित

Webdunia
- अनुपमा जैन

टोरंटो। कनाडा की संसद ने एक ऐसा विधेयक पारित किया है, जिसके तहत तिल-तिल मर रहे असाध्य रोगों से पीड़ित रोगी डॉक्‍टरी सहायता से मृत्यु का वरण कर सकते हैं।

इस विधेयक को लेकर खासा विवाद चल रहा है। इससे पूर्व देश के उच्चतम न्यायलय ने डॉक्टरों पर से वो पांबदी हटा दी थी जिसके तहत वह असाध्य रोगियों को मृत्यु वरण में सहायता दे सकते थे। इस विधेयक के पारित होने से कनाडा दुनिया के उन चुनिंदा देशों मे शामिल हो गया है, जहां चिकित्सक ऐसे रोगियों को मृत्यु वरण में कानूनी रूप से सहायता दे सकते हैं।

गौरतलब है कि कनाडा के अलावा स्विट्जरलैंड,नीदरलैंड, अल्बानिया, कोलंबिया के साथ-साथ जापान में भी ऐसे रोगियों के लिए मृत्यु वरण में यह छूट दी गई है। इसके अलावा अमेरिका के वॉशिंगटन, केलिफोर्निया, न्युमेक्सिको तथा मॉटाना प्रांतों में भी यह छूट मिली हुई है।

विधेयक को कनाडा संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे गवर्नर जनरल की मंजूरी मिलते ही विधेयक कानून बन जाएगा। इस तरह की मृत्यु वरण के समर्थकों का कहना है कि विधेयक बहुत कड़ा है, जिससे ऐसी अवस्था में तिल-तिल मर रहे बहुत कम रोगियों को ही यह छूट मिल पाएगी।

सरकार का कहना है कि यह पहला चरण है, धीरे-धीरे इस विधेयक का दायरा बढ़ाया जाएगा, उधर जस्टिन त्रुदो सरकार में न्याय मंत्री जॉडी विल्सन और स्वास्थ्‍य मंत्री जेन फिल्पॉट ने कहा कि विधेयक में इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि विधेयक का दुरुपयोग नहीं हो। (वीएनआई)
Show comments

कौन थे रजाकार, कैसे सरदार पटेल ने भैरनपल्ली नरसंहार के बाद Operation polo से किया हैदराबाद को भारत में शामिल?

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में बंजारुमाले गांव में हुआ 100 प्रतिशत मतदान

धीरेंद्र शास्‍त्री के भाई ने फिर किया हंगामा, टोल कर्मचारियों को पीटा

प्रवेश द्वार पर बम है, जयपुर हवाई अड्‍डे को उड़ाने की धमकी

दिल्ली में देशी Spider Man और उसकी Girlfriend का पुलिस ने काटा चालान, बाइक पर झाड़ रहा था होशियारी

बहू को हुआ सास से प्‍यार, पति के साथ नहीं सोने देती है, सास हुई परेशान

UP के डिप्टी सीएम मौर्य बोले, एक और पाकिस्तान बनाने का जहर बो रही है कांग्रेस

धनंजय सिंह को मिली इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत, नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

कौन है जेल से 20 दिन की पैरोल पर बाहर आया फलाहारी बाबा, क्‍या था मामला?

कांग्रेस का दावा, 2जी स्पेक्ट्रम मामले में दिखा भाजपा का पाखंड

अगला लेख