वॉशिंगटन। ईरान में लगातार 5वें दिन भी इंटरनेट बंद रहा। इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ईरान पर आरोप लगाया कि उसने मौत और त्रासदी पर पर्दा डालने के लिए इंटरनेट को बंद कर दिया है। इस बीच रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि सड़कों पर चल रहे विरोध प्रदर्शन खत्म हो चुके हैं।
ईरान पर अमेरिका ने पहले से आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बना रखा है। ट्रंप के इंटरनेट बंद करने संबंधी ट्वीट से यह दबाव और बढ़ गया है। ट्रंप ने ट्वीट किया कि ईरान इतना अधिक अस्थिर हो चुका है कि शासन ने पूरी इंटरनेट प्रणाली को ठप करवा दिया ताकि ईरान की जनता देश में जारी भयंकर हिंसा के बारे में बात भी नहीं कर पाए।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा कि वे नहीं चाहते कि जरा-सी भी पारदर्शिता हो। उन्हें ऐसा लगता है कि दुनिया को पता ही नहीं चलेगा कि ईरान का शासन मौत और त्रासदी को अंजाम दे रहा है। ईरान में बीते शुक्रवार को पेट्रोल की कीमतें 200 गुना बढ़ा दी गई थी जिसके कुछ ही घंटे बाद देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। लोगों ने पुलिस थानों पर हमले किए, पेट्रोल पंपों को आग लगा दी और दुकानों में लूटपाट की।
इंटरनेट के लगभग पूरी तरह से ठप होने से वहां के हालात के बारे में जानकारी मिलना बेहद मुश्किल हो गया। अधिकारियों ने 5 मौतों की पुष्टि की लेकिन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि मौत का वास्तविक आंकड़ा 100 के पार हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि वह उन खबरों से चिंतित है जिनमें कहा गया है कि गोला-बारूद के कारण कई लोगों की मौत हुई है।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने एमनेस्टी द्वारा बताए गए मृतक आंकड़े को काल्पनिक बताया और कहा कि ईरान के खिलाफ भ्रामक जानकारी का अभियान चलाया जा रहा है। गुरुवार को रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स की आधिकारिक वेबसाइट में दंगाइयों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई करने के लिए सैन्य बलों की प्रशंसा की थी और बताया था कि शांति कायम हो चुकी है।