इजराइल के साथ तेज होते युद्ध के बीच में ईरान ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक फोन पर ही इजराइल युद्ध समाप्त कर सकता है। ईरान के एक अधिकारी ने मीडिया के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही। दोनों देशों के बीच जारी युद्ध दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है। युद्ध को रोकने के लिए अब तक किए गए कूटनीतिक प्रयास विफल रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि ट्रम्प अगर इजराइल के नेताओं से आग्रह करेंगे तो यह युद्ध समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ईरान अमेरिका के साथ एक ही शर्त पर युद्धविराम पर विचार कर सकता है,अगर इजराइल हमले को रोक दे। जिनेवा में वरिष्ठ यूरोपीय राजनयिकों ने ईरान के विदेश मंत्री से मुलाकात की थी। उधर न्यू जर्सी में ट्रम्प ने कहा था कि अगर कोई जीत रहा है तो अभी यह अनुरोध करना बहुत कठिन है।
इस बीच, वाशिंगटन में खुफिया मतभेद उभर कर सामने आए, जिसमें ट्रम्प ने अपने राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की उस बात का खंडन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान सक्रिय रूप से परमाणु हथियार कार्यक्रम नहीं चला रहा है। उनका यह बयान अमेरिकी और इजराइल दोनों के दावों के विपरीत है। ट्रम्प ने कहा,“तो फिर, मेरा खुफिया समुदाय गलत है। इस्लामिक सहयोग संगठन तुर्की में शनिवार को इस्तांबुल में बैठक करने वाला है, जिसमें 57 सदस्य देश शामिल हैं। ईरान के विदेश मंत्री इसमें भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि इस दौरान 'इजराइल की ओर से जारी हमले' पर चर्चा की जाएगी। इजराइल ने शनिवार को ईरान के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र, इस्फहान अनुसंधान कम्प्लेक्स पर हमला किया। हमले की पुष्टि करते हुये एक ईरान ने कहा कि इन हमलों में कुछ बुनियादी ढांचे नष्ट हुए हैं। इस क्षेत्र से निवासियों को दूर रहने की सलाह दी गई है। इजराइली सेना की ओर से क़ोम में एक आवासीय इमारत पर किए गए सीधे हमले में दो लोग मारे गए और चार अन्य घायल हो गए।
ईरानी सरकारी मीडिया ने हताहतों की संख्या की सूचना दी। ईरान ने जबाबी कार्रवाई में रात भर मिसाइल हमले किए, जिससे इजराइल के शहर होलोन को निशाना बनाया गया। इजराइल सुरक्षा बलों (आईडीएफ) ने हमलों को रोक दिया। एक इमारत में हालांकि आग लग गई लेकिन स्थिति को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया। मैगन डेविड एडोम सहित आपातकालीन सेवाओं ने किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं की।
डोनाल्ड ट्रंप को नोबल की चाहत
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर अपनी इच्छा को सोशल मीडिया के माध्यम से जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट कर कहा कि उन्होंने दुनिया में कई बड़े शांति प्रयास किए हैं, लेकिन फिर भी उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।
ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा कि मैंने कांगो और रवांडा के बीच समझौता करवाया, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका, सर्बिया और कोसोवो के बीच शांति लाई, मिस्र और इथियोपिया के बीच टकराव रोका और मिडिल ईस्ट में अब्राहम समझौते किए। फिर भी मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। उन्होंने आगे लिखा कि अगर सब कुछ सही चला, तो अब्राहम समझौते में और देश भी जुड़ेंगे और मिडिल ईस्ट पहली बार एकजुट हो पाएगा। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma