Zohran Mamdani historic victory in New York: फिल्म निर्माता मीरा नायर और युगांडा के विद्वान महमूद ममदानी के बेटे जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर डेमोक्रेटिक प्राइमरी में 43.5% वोटों से एंड्रयू क्योमो (36.4%) को हराकर इतिहास रच दिया। यह जीत उन्हें न्यूयॉर्क का पहला मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मेयर बनने की दहलीज पर ले आई। नेल्सन मंडेला को उद्धृत करते हुए ममदानी ने कहा कि जब तक काम हो न जाए, वह असंभव लगता है। जोहरान के माता-पिता दोनों ही भारतीय मूल के हैं।
बॉलीवुड से प्रेरित अनोखा अभियान : ममदानी ने हिंदी फिल्मों के गानों और क्लिप्स से अपने अभियान को जीवंत बनाया, जिसने युवाओं को जोड़ा और उनकी प्रगतिशील नीतियों को भावनात्मक रूप से लोगों तक पहुंचाया। ममदानी की राह आसान नहीं थी। कुछ हिंदू अमेरिकी समूहों ने उन्हें 'खतरनाक कट्टरपंथी' बताकर और भारत के पीएम मोदी की आलोचना के कारण उनके खिलाफ आक्रामक अभियान चलाया। न्यूयॉर्क में 'ममदानी को खारिज करो' जैसे भड़काऊ बैनर लगे, जो प्रवासी समुदाय में सांप्रदायिक भय को दर्शाते हैं।
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In the words of Nelson Mandela: it always seems impossible until its done.
My friends, it is done. And you are the ones who did it.
आनंद गिरिधरदास के अनुसार, ममदानी की जीत भावनात्मक जुड़ाव, किराए पर रोक और मुफ्त बस जैसे साहसिक वादों और घर-घर जाकर लोगों से मिलने की रणनीति का नतीजा है। उनका अभियान टीवी विज्ञापनों पर नहीं, बल्कि जमीनी संगठन पर टिका था। अगर ममदानी नवंबर में होने वाला चुनाव जीतते हैं, तो वे न्यूयॉर्क के पहले भारतीय-अमेरिकी और मुस्लिम मेयर बन सकते हैं।
9/11 के बाद की राजनीति का अंत? स्पेंसर एकरमैन का कहना है कि 9/11 के केंद्र न्यूयॉर्क में ममदानी की जीत डर और राष्ट्रवाद की राजनीति के खात्मे का प्रतीक है। आवास संकट और महंगाई जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर उन्होंने दिखाया कि लोग यथास्थिति से तंग आ चुके हैं। ममदानी की जीत भारतीय प्रवासियों की नई पीढ़ी और समावेशी राजनीति का प्रतीक है। नवंबर का मुख्य चुनाव बाकी है, लेकिन उनकी प्राइमरी जीत ने वैश्विक स्तर पर प्रगतिशील राजनीति की नई संभावनाएं खोल दी हैं।