दुनिया में कई ऐसे मुस्लिम देश हैं, जहां कई सालों से लड़कियों की शादी की उम्र सीमा को बढ़ाने की मांग की जा रही है, लेकिन वहां आज तक ये मांगें नहीं मानी गईं।
जबकि दूसरी तरफ भारत में लड़कियों की शादी की उम्र सीमा बढाकर 18 से 21 साल की जा रही है। इसे सामाजिक सुधार के तौर पर भी देखा जा रहा है।
बता दें कि भारत में पहले लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल थी। ये उम्र मेडिकल टर्म्स में भी सही है और लोगों को भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी। 18 की होने पर लड़की का शरीर मां बनने की तकलीफ सहने के लायक हो जाता है।
साथ ही इस उम्र तक लड़कियां समझदार भी हो जाती हैं। लेकिन अब इस उम्र सीमा को 21 करने की तैयारी चल रही है। लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां ऐसा नहीं है।
आज हम आपको एक ऐसे मुस्लिम देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 16 साल है।
मलेशिया में इस्लाम को ऑफिशियल धर्म माना गया है। साथ ही यहां मुस्लिम जनसंख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में इस देश के कानून भी इस्लाम को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। मलेशिया में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 16 साल है। कई सालों से यहां के लोग इस उम्र सीमा को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने ऐसा करने से साफ़ इंकार कर दिया है।
मलेशिया के प्राइम मिनिस्टर डिपार्टमेंट के मंत्री इदरीस अहमद ने साफ़ कर दिया है कि सरकार का मुस्लिम लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्रसीमा को 16 से 18 करने का कोई इरादा नहीं है। उनका मानना है कि 16 साल की उम्र लड़कियों की शादी के लिए सही है।
इस फैसले को सरकार की मीटिंग होने के बाद पारित किया गया। कई जगहों से सरकार को उम्र सीमा बढ़ाने का दवाब मिल रहा था। लेकिन अब सरकार ने साफ़ कर दिया है कि न्यूनतम उम्रसीमा 16 से 18 नहीं की जाएगी।
US State Department के ह्यूमन राइट्स 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक़, त्रिनिदाद और टोबैगो में मुस्लिम लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र सीमा 12 साल है। मुस्लिम लड़कों की शादी 16 में हो सकती है। जबकि यहां की कानूनी उम्र सीमा 18 साल है। इसके अलावा यूरोप के एस्टोनिया में लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र सीमा 15 साल है।