नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को भाजपा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोरोना काल में स्कूलों के बंद होने के कारण बच्चों, खासकर लड़कियों के भविष्य और उनकी पढ़ाई पर प्रश्नचिह्न लगने तथा बाल विवाह के मामले बढ़ने का दावा करते हुए सरकार से मांग की कि राज्यों से बाल विवाह पर आंकड़े एकत्र करने के लिए कहा जाना चाहिए।
शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए सिंधिया ने कहा कि कोरोना काल में समस्त गतिविधियों पर विराम लग गया और स्कूल भी बंद कर दिए गए। इससे बच्चों, खासकर लड़कियों की पढ़ाई पर प्रश्नचिह्न लग गया। स्कूल का सेफ्टी नेट न होने की वजह से इन बेटियों के बाल विवाह का खतरा बढ़ गया।
भाजपा सदस्य ने दावा किया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्प लाइन के संबंध में आरटीआई के माध्यम से पता चला है कि इस हेल्पलाइन पर बाल विवाह को लेकर करीब 18,324 शिकायतें मिलीं। उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से ऐसी 200 से अधिक शिकायतें और कर्नाटक से 188 शिकायतें मिलने की खबर है।
सिंधिया ने इसे चिंताजनक बताते हुए मांग की कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राज्यों से बाल विवाह पर आंकड़े एकत्र करने के लिए कहे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बाल वधुओं की उचित काउंसेलिंग के लिए जिला कल्याण समितियों को सक्रिय किया जाए। साथ ही उनकी पढ़ाई जारी रहने की व्यवस्था भी की जाए।
उन्होंने बाल विवाह रोकने के लिए कानून के सख्ती से पालन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि एक ऐसा खाका तैयार किया जाना चाहिए कि बच्चे बीच में ही अपनी पढ़ाई न छोड़ें।