Nagpur-Mumbai Samridhi Expressway Bus Incident : महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में बस हादसे में जान गंवाने वाले ज्यादातर लोगों के शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल है और उनके परिजनों को शवों की डीएनए जांच कराने के बजाय उनका सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार करने के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, डीएनए जांच लंबी प्रक्रिया होती है जिसमें मृतक की शिनाख्त करने के लिए कई दिन लग सकते हैं। पुलिस ने पहले बताया था कि महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर एक बस के डिवाइडर से टकराकर पलट जाने के बाद उसमें आग लगने से 25 यात्रियों की झुलसकर मौत हो गई। मृतकों में 11 पुरुष और 14 महिला यात्री शामिल हैं। इनमें से 10 लोग वर्धा, सात पुणे, चार नागपुर और दो-दो लोग यवतमाल और वाशिम से थे।
इस भीषण दुर्घटना में बस चालक और क्लीनर सहित आठ लोग बच गए थे। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, 25 मृतकों के परिवार के सदस्य बुलढाणा पहुंच गए हैं। उसके अनुसार जिला प्रशासन मृतकों के परिजनों को डीएनए जांच कराने के बजाय शवों का सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार करने के लिए राजी करने के वास्ते शनिवार शाम से उनसे बातचीत कर रहा है।
बुलढाणा के जिलाधिकारी एचपी तुम्मोड ने कहा, मृतकों के परिवार के सदस्यों से बातचीत अंतिम चरण में है और इस मसले को जल्द ही हल कर लिया जाएगा। शनिवार को बस चालक के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज किया गया। पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि बस चालक को झपकी आ गई और वह वाहन पर से अपना नियंत्रण खो बैठा।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विदर्भ ट्रैवल्स की यह निजी बस नागपुर से पुणे जा रही थी, तभी रास्ते में बुलढाणा जिले के सिंदखेडराजा के पास पिंपलखुटा गांव में शुक्रवार देर रात करीब डेढ़ बजे यह हादसा हुआ।
अमरावती क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना में जीवित बचे यात्री द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार, बस दाहिनी ओर एक लोहे के खंभे से टकरा गई, जिससे चालक नियंत्रण खो बैठा और बस डिवाइडर से टकरा गई।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)