टोकियो। अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने शुक्रवार को कहा कि चीन, अमेरिकी अधिकारियों को ताइवान की यात्रा करने से रोककर स्वशासित द्वीप को अलग-थलग नहीं करेगा। उन्होंने अपनी एशियाई यात्रा के अंतिम चरण में टोकियो में यह टिप्पणी की। पेलोसी ने चीन के कड़े विरोध के बावजूद ताइवान की यात्रा की है। वह 25 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिकी संसद की पहली अध्यक्ष हैं।
पेलोसी ने कहा कि चीन ने ताइवान को अलग-थलग करने की कोशिश की जिसमें हाल में उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन में शामिल होने से रोकना शामिल है। उन्होंने कहा कि वे ताइवान को अन्य स्थानों पर जाने या भाग लेने से रोक सकते हैं लेकिन वे हमें ताइवान की यात्रा करने से रोककर उसे पृथक नहीं करेंगे।
अमेरिकी नेता ने कहा कि ताइवान की उनकी यात्रा का मकसद द्वीप के लिए यथास्थिति में बदलाव लाना नहीं था बल्कि ताइवान जलडमरूमध्य में शांति बनाए रखना था। उन्होंने ताइवान में बड़ी मुश्किल से स्थापित किए गए लोकतंत्र की तारीफ की। साथ ही उन्होंने व्यापक समझौतों के उल्लंघन, हथियारों के प्रसार और मानवाधिकार समस्याओं के लिए चीन की आलोचना की।
पेलोसी ने बुधवार को ताइपे में कहा था कि स्वशासित द्वीप तथा दुनिया में कहीं भी लोकतंत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता 'अटल' है। पेलोसी और संसद के 5 अन्य सदस्य सिंगापुर, मलेशिया, ताइवान और दक्षिण कोरिया की यात्रा करने के बाद गुरुवार देर रात टोकियो पहुंचे।
गौरतलब है कि ताइवान पर अपना दावा जताने वाले चीन ने पेलोसी की यात्रा को उकसावा बताया था और गुरुवार को ताइवान के आसपास के 6 क्षेत्रों में मिसाइल दागने समेत सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। उसने धमकी दे रखी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा जमा लेगा।
इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शुक्रवार को कहा कि ताइवान की ओर लक्षित चीन का सैन्य अभ्यास एक गंभीर समस्या को दिखाता है जिससे क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरा है। दरअसल, अभ्यास के तौर पर चीन द्वारा दागी गई 5 बैलिस्टिक मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरीं। किशिदा ने अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी और सांसदों के उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ सुबह के नाश्ते के बाद कहा कि मिसाइल प्रक्षेपणों को तुरंत रोके जाने की आवश्यकता है।
जापान के रक्षामंत्री नुबुओ किशी ने कहा कि जापान के मुख्य द्वीप के सुदूर दक्षिण में स्थित हातेरुमा में गुरुवार को 5 मिसाइलें गिरीं। उन्होंने कहा कि जापान ने यह कहते हुए चीन के समक्ष विरोध दर्ज कराया है कि मिसाइलेां से जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा और जापानी लोगों की जिंदगियों को खतरा है जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।
जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि चीन के कदम क्षेत्र तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय में शांति एवं स्थिरता को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं तथा हम सैन्य अभ्यास को तत्काल रोके जाने की मांग करते हैं। हयाशी कंबोडिया में एक क्षेत्रीय बैठक में भाग ले रहे हैं।
किशिदा ने कहा कि शुक्रवार को सुबह के नाश्ते पर पेलोसी और कांग्रेस के उनके प्रतिनिधिमंडल ने चीन, उत्तर कोरिया और रूस को लेकर अपनी साझा सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की तथा ताइवान में शांति एवं स्थिरता के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई।
जापान और उसका मुख्य सहयोगी अमेरिका, चीन के बढ़ते दबदबे से निपटने के लिए हिन्द-प्रशांत क्षेत्र और यूरोप में अन्य लोकतंत्रों के साथ नई सुरक्षा और आर्थिक रूपरेखाओं पर जोर देता रहा है। गुरुवार को 7 औद्योगिक राष्ट्र के समूह के विदेश मंत्रियों ने एक बयान जारी कर अमेरिका और चीन दोनों से दौरे के मद्देनजर अधिकतम संयम बरतने और भड़काऊ कार्रवाई से बचने को कहा था, वहीं चीन ने गुरुवार को कंबोडिया में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) की बैठक से इतर चीन और जापान के विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता अंतिम क्षण में रद्द करने पर नाखुशी जताई।(भाषा)