उत्तराखंड में दावोस जैसा शहर बनाना चाहते हैं गडकरी

Webdunia
गुरुवार, 19 जनवरी 2017 (14:29 IST)
दावोस। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हिमालयी राज्य उत्तराखंड में दावोस जैसा एक शहर बसाने की अपनी इच्छा जाहिर की है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक में यहां पहुंचे गडकरी ने एक बातचीत में अपनी यह मंशा जाहिर की।

 
स्विट्जरलैंड के बर्फ से ढंके दावोस शहर में इस बैठक के लिए शून्य से कम तापमान पर देश- दुनिया के 3,000 से अधिक राजनेता, उद्योगपति, नीति-निर्माता और विभिन्न गैरसरकारी संगठनों के प्रतिनिधि यहां जुटे हैं। गडकरी भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे हैं।
 
गडकरी ने 'मेक इन इंडिया' परिसर में यहां एक खास बातचीत में कहा कि भारत में दावोस जैसा शहर बसाना पूरी तरह संभव है जिसमें होटल, दुकानें और सम्मेलन केंद्र हों। यह पूरा काम पर्यावरण और अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए किया जा सकता है। ऐसे शहर में विश्व आर्थिक मंच जैसे सम्मेलनों का आयोजन भी हो सकेगा। इससे पर्यटन के साथ-साथ रोजगार और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
 
गडकरी ने कहा कि मैं जब यहां पहुंचा तब मेरे दिमाग में एक विचार आया, हालांकि इस पर काम अभी शुरू होना है। हम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने वाली 1,000 किलोमीटर नई सड़कें बना रहे हैं। इस पर 12,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। ये सड़कें हर मौसम में इस्तेमाल हो सकेंगी। इसमें कई पुल, सुरंगें और काफी कुछ होगा जो कि एतिहासिक काम होगा। 
 
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पिथौरागढ़ क्षेत्र है, जहां हम मानसरोवर के लिए सड़क बना रहे हैं। इसके लिए हम एमआईजी-17 के जरिए ऑस्ट्रेलियाई मशीनें पहुंचा रहे हैं, कुछ काम हो चुका है, करीब 50 प्रतिशत। इस स्थान पर 5 से 6 डिग्री तापमान है।
 
गडकरी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि हम रेगिस्तानी इलाके में ताजमहल बना सकते हैं। इसके लिए एक दृष्टि चाहिए, त्वरित निर्णय प्रक्रिया, पारदर्शिता और भ्रष्टाचारमुक्त प्रणाली होनी चाहिए। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण चीज है, समाज और देश की प्रतिबद्धता होनी चाहिए। मेरे देश को भी इस तरह की सुविधा की जरूरत है। 
 
उन्होंने कहा कि दावोस आने के बाद मैंने सोचा कि हिमालयी क्षेत्र में हम इस तरह का शहर क्यों नहीं बसा सकते हैं? शून्य से नीचे तापमान में लोग आएं, वहां होटल और पर्यटन की तमाम सुविधाएं हों और वहां से लोग मानसरोवर भी जा सकेंगे। 
 
गडकरी ने कहा कि इसी प्रकार हम यमुना नदी के साथ एक दीवार के साथ दिल्ली से यमुनानगर के बीच राजमार्ग का निर्माण कर सकते हैं। इस परियोजना के लिए अध्ययन चल रहा है। इसके बन जाने पर दिल्ली से उत्तराखंड और हिमाचल जाना आसान होगा और मौजूदा रास्तों पर यातायात का बोझ कम होगा। गडकरी ने पर्यावरण सुरक्षा को भी महत्वपूर्ण बताया। 
 
उन्होंने कहा कि हमें समेकित रवैया अपनाना चाहिए। किसी भी मामले में अति वाली बात नहीं होनी चाहिए, यह देश के लिए ठीक नहीं है। भारत जैसे विकासशील देश में पर्यावरण और विकास दोनों को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किए जाने चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में छोटा-मोटा निर्माण करने को लेकर भी विरोध हो सकता है। इसलिए इस मामले में हर बात को ध्यान में रखने की जरूरत है। पर्यावरण मंत्रालय से लेकर पर्यावरणविद्, पर्यटन मंत्रालय, सड़क मंत्रालय और सभी संबद्ध पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर इस दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।
 
गडकरी ने कहा कि यहां दावोस में कई होटल हैं। यहां भी पेड़ों को काटा गया होगा। ऐसे में आपको 1 पेड़ के लिए 10 पेड़ लगाने होंगे। हम गरीब जनता वाले एक संसाधन संपन्न देश हैं। हम दुनिया में सबसे आकषर्क पर्यटक स्थल बन सकते हैं। (भाषा)
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख