तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों को 2017 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

Webdunia
मंगलवार, 3 अक्टूबर 2017 (22:58 IST)
स्टॉकहोम। गुरुत्वाकर्षणीय तरंगों का पता लगाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले अमेरिकी वैज्ञानिकों राइनार वीस, बैरी बेरिश और  किप थोर्न ने संयुक्त रूप से भौतिकी के लिए 2017 का नोबेल पुरस्कार जीता है। रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज ने आज यह जानकारी दी।
 
करीब एक सदी पहले अल्बर्ट आइंनस्टीन ने पहली बार स्पेस-टाइम में तरंगों का पता लगाया था। इसके बाद पिछले साल के आरंभ में जब गुरुत्वाकर्षणीय तरंगों का पहली बार पता लगाने की घोषणा की गई, तो खगोल भौतिकी क्षेत्र में क्रांति आ गई।
 
रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज ने वक्तव्य जारी कर विजेताओं के  लिए 90 लाख स्वीडिश क्रोन पुरस्कार की घोषणा की और कहा कि यह पूरी तरह नूतन और अलग,अनदेखी दुनिया के उद्घाटित होने जैसा है। तरंगों को पकड़ने और उनके संदेशों की व्याख्या करने में सफल रहने वालों के लिए खोजों का खजाना प्रतीक्षा कर रहा है। ये तरंगे बेहद घने श्याम विवर के विलय होने पर उत्पन्न हुईं और लेजर इनफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी (एलआईजीओ) में लेजर बीम्स के इस्तेमाल से इनका पता चला।
 
एकेडमी ने कहा कि जब इनका संकेत पृथ्वी तक पहुंचा था तो वह बेहद कमजोर था, लेकिन खगोल भौतिकी के क्षेत्र में यह बहुत क्रांतिकारी है। पुरस्कार की आधी राशि रायनार को दी जाएगी जबकि शेष आधी राशि बैरी बेरिश और किप थोर्न के बीच वितरित की जाएगी। गौरतलब है कि कल अमेरिका के ही जेफरी सी हॉल, माइकल रोसबाश और माइकल यंग को चिकित्सा के लिए नोबेल प्रदान करने की घोषणा की गई। (वार्ता) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

हाइवे पर सेक्‍स कांड के बाद अंडरग्राउंड हुए BJP के धाकड़ नेता

‍किसने बनाया था ऑपरेशन सिंदूर का Logo, दो सैन्यकर्मियों के नाम आए सामने

Jyoti Malhotra Effect, पूर्वी रेलवे ने स्टेशनों के फोटो, वीडियो बनाने पर लगाई रोक

कौन हैं एरोल मस्क, जो अयोध्या में करेंगे रामलला के दर्शन, क्या है एलन मस्क से संबंध?

नारायण राणे की उद्धव ठाकरे को चेतावनी, ...तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

सभी देखें

नवीनतम

पुतिन पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप, आग से मत खेलो, अगर मैं नहीं होता तो...

Jyoti Malhotra Effect, पूर्वी रेलवे ने स्टेशनों के फोटो, वीडियो बनाने पर लगाई रोक

दक्षिण पश्चिम दिल्ली से 92 बांग्लादेशी हिरासत में, वर्षों से रह रहे थे अवैध रूप से

‍किसने बनाया था ऑपरेशन सिंदूर का Logo, दो सैन्यकर्मियों के नाम आए सामने

झारखंड में 91 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी 10वीं बोर्ड की परीक्षा में उत्तीर्ण, लड़कियों ने मारी बाजी

अगला लेख