सोल। दक्षिण कोरिया ने बुधवार को कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से किए गए परमाणु परीक्षण में रेडियोसक्रिय 'जेनॉन' गैस के उत्सर्जन की पुष्टि हुई है, लेकिन वह अब तक पुख्ता तौर पर यह नहीं बता सकता कि उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का ही परीक्षण किया था।
परमाणु बचाव एवं सुरक्षा आयोग ने बताया कि देश के उत्तर पूर्वी भाग में जमीन पर लगे जेनॉन डिटेक्टर ने नौ मौकों पर 'जेनॉन-133' आइसोटोप के अंश का पता लगाया है, जबकि ऐसे ही एक सचल उपकरण को चार बार इस आइसोटोप के अंश का पता लगा है। आयोग ने हालांकि कहा कि इस गैस के उत्सर्जन से उसके पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
आयोग के कार्यकारी आयुक्त चोइ जोंगबेइ ने कहा कि जेनॉन के अंश की मात्रा से यह पता लगाना मुश्किल है कि परमाणु परीक्षण कितना शक्तिशाली था लेकिन यह तय है कि यह गैस उत्तर कोरिया में उत्सर्जित हुई थी। उन्होंने कहा कि आयोग यह पुष्टि नहीं कर सकता है कि उत्तर कोरिया ने किस किस्म का परमाणु परीक्षण किया है।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने गत तीन सितंबर को अपना छठा और सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण किया है। इसके कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से उस पर कपड़ों के निर्यात और कच्चे तेल के आयात समेत कई नये प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका, जापान, दक्षिण काेरिया और चीन समेत कई देशों ने इस परमाणु परीक्षण की कड़ी आलोचना की थी और उत्तर कोरिया के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। (वार्ता)