लड़की ने लिखा बलात्कारी को खत, तुम जीतोगे नहीं

Webdunia
गुरुवार, 30 अप्रैल 2015 (16:48 IST)
कुछ दिनों पहले ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली एक लड़की का उत्तरी लंदन में उसके घर के समीप बलात्कार हो गया था। लड़की ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए अपने रेपिस्ट को खत लिख डाला, खत में उसने रेपिस्ट से डरने व पीड़ित होने से इंकार किया है।

उसने 800 शब्द के इस खत का टाइटल 'मेरे हमलावर के लिए खत' दिया है। यह लेटर उसके विश्वविद्यालय के अखबार 'चेरवेल' में प्रकाशित किया गया है।

इस लेटर में 20 साल की लड़की ने अपने आपको  बेटी, दोस्त, गर्लफ्रेंड के रूप में वर्णित किया है और अपने हमलावर को लिखा है कि तुम कभी जीत नहीं सकते। युवती ने विश्व विद्यालय में यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान चलाया है जिसका नाम #दोषी नहीं हूं रखा है।         
 
विश्व विद्यालय में इंग्लिश लिटरेचर की स्टूडेंट ने अखबार में लेटर लिखते हुए अपनी पहचान का खुलासा किया है और लोगों को यौन उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होने को प्रोत्साहित किया है।

युवती ने घटना के बारे में लिखा है कि जब वह घर लौट रही थी तब एक युवक ने उसे धक्का देकर घुटने के बल बैठने पर मजबूर किया और फुटपाथ में जोर से धक्का देकर गिरा दिया। उसने अपने ऊपर हुए हमले की दास्तां के बार में आगे लिखा है कि मैं तुम्हारा नाम नहीं जानती इसलिए तुम्हारे नाम से लेटर नहीं लिख रही हूं। 
 
युवती का रेप करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है उस पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है।
 
 
यह है पूरा खत
 
मैं इस लेटर को तुम्हारे नाम से नहीं लिख रही हूं क्योंकि मैं तुम्हारा नाम नहीं जानती। मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि तुम्हारे ऊपर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है। मेरा तुमसे एक सवाल है, जब तुम मेरा पीछा करते हुए मेरे पड़ोस तक पहुंचे जो सीसीटीवी कैमरा में दिख रहा है, और तुम इस दौरान मेरी सड़क पर इंतजार कर रहे थे और तुम मेरे करीब आए और मुझे थप्पड़ मारा, तुमने इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि मैं सांस भी नहीं ले पा रही थी।
 
तुमने मुझे धक्का देकर गिरा दिया जिससे कि मेरे चेहरे से खून बहने लगा।  तुमने मेरे बाल पकड़कर मुझे घसीटा, और तुमने पक्की सड़क पर मेरा सिर दे मारा और बोला चिल्लओ मत। जब मेरे पड़ोसी ने तुम्हे देखा और तुम्हारे ऊपर चिल्लाया तो तुमने उसकी आंखों में देखा और मुझे मारना जारी रखा। जब तुमने मेरी ब्रा फाड़ दी और मेरे ब्रेस्ट जबरदस्ती पकड़ लिए। जब तुमने मेरा सामान नहीं उठाया क्योंकि तुम्हें मेरी बॉडी चाहिए थी, लेकिन तुमने वो कर नहीं सके जो तुम करना चाहते थे क्योंकि तब तक मेरे घर-वाले और पड़ोसी आ चुके थे। तुम्हें बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, इस दौरान  क्या तुमने अपनी जिंदगी में आए लोगों के बारे में नहीं सोचा।  
 
 
मेरा समाज यह नहीं मानता कि लड़कियों का रात में घर आना खतरे से भरा है। हम रात को घर आना जारी रखेंगे, बल्कि हम रात को तुम्हारे मुहल्ले में आएंगे और सड़कों में अकेले घूमेंगे क्योंकि हम इस बात को बढ़ावा नहीं देना चाहते कि रात को लड़कियां सड़क पर सुरक्षित नहीं हैं। मैं मानती हूं कि समाज में अच्छे लोग ज्यादा हैं और बुरे लोग कम हैं और तुम उस समाज का अपवाद मात्र हो।(एजेंसियां)  

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