इस्लामाबाद। दुनियाभर में पाकिस्तान (Pakistan) का आतंक का चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है। दुनियाभर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की एशिया पैसिफिक ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इससे पाकिस्तान पर ब्लैकलिस्ट Blacklist होने का खतरा मंडरा रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दुनियाभर में पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हों, लेकिन उनकी सचाई एक बार फिर सामने आ गई है। एशिया/पैसिफिक ऑन मनीलॉन्ड्रिंग (एपीजी) की रिपोर्ट के मुताबिक मनीलॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई के 10 में से 9 मानदंडों पर पाकिस्तान फेल रहा है।
पिछले वर्ष जून माह में पाकिस्तान को संदिग्ध लिस्ट में डाला गया था। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंक के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई लेकिन उसने जमीनी स्तर पर कुछ नहीं किया। अब अगले हफ्ते पेरिस में होने वाले FATF के वार्षिक अधिवेशन में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए पाकिस्तान ने सही कदम नहीं उठाए हैं। पाकिस्तान ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा, फलह-ए-इंसानियत और इनके सरगना हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आज भी ये आतंकी संगठन पाकिस्तान में खुलेआम सभाएं करते हैं और फंड जुटाते हैं। रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान पर ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। पहले से ही कंगाली दौर से गुजर रहे पाकिस्तान की परेशानी बढ़ जाएगी। वर्ल्ड बैंक, IMF, जैसी संस्थाओं से उसे कर्ज नहीं मिल पाएगा।