Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भयावह स्थिति में हैं रोहिंग्या बच्चे

हमें फॉलो करें भयावह स्थिति में हैं रोहिंग्या बच्चे
संयुक्त राष्ट्र , बुधवार, 17 जनवरी 2018 (10:51 IST)
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) ने चेतावनी दी है कि बांग्लादेश में विस्थापन के बाद तकरीबन 5 लाख रोहिंग्या बच्चों की हालात 'भयावह' है। आशंका है कि इन्हें विस्थापन और बीमारियों का दंश झेलना पड़ सकता है।
 
बांग्लादेश में यूनिसेफ कार्यक्रम के प्रमुख एडॉरड बैगबेदर ने मंगलवार को मानसून और चक्रवाती तूफान के प्रभावों पर चेतावनी देते हुए कहा कि यहां पहले से ही मानवता के लिए हालात भयावह है और इसके तबाही का मंजर बनने का खतरा है। हजारों बच्चे पहले से ही भयावह हालात में जीने को मजबूर हैं और उनको बीमारी, बाढ़, भूस्खलन और एक बार फिर से विस्थापन झेलना पड़ सकता है।
 
 
यूनिसेफ के अनुसार शरणार्थी शिविरों में डिप्थीरिया फैलने से 32 जानें गई हैं और इनमें कम से कम 24 बच्चे शामिल हैं। डिप्थीरिया के तकरीबन 4,000 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इस बीमारी को फैलने से रोकने और लोगों की जिंदगियों को बचाने के लिए यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) समेत संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां तकरीबन 5 लाख बच्चों को डिप्थीरिया के टीके लगाने का काम कर रही है।
 
डिप्थीरिया एक संक्रामक रोग है, जो कोरिनेबैक्टेरियम डिप्थीरिया जीवाणुओं से फैलता है। यह बीमारी 5-10 प्रतिशत मामलों में ज्यादा गंभीर रूप अख्तियार करती है। इस बीमारी से ग्रस्त होने पर छोटे बच्चों की मृत्यु होने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है।
 
बैगबेदर ने कहा कि असुरक्षित पानी, अपर्याप्त सफाई, स्वच्छता की खराब स्थिति से हैजा और हेपेटाइटिस ई फैलने का खतरा है। यह गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों के लिए जानलेवा बीमारी है, वहीं जलभराव से मलेरिया फैलने का खतरा है।
 
 
गौरतलब है कि पिछले वर्ष अगस्त महीने में सेना द्वारा दमन के कारण तकरीबन 6.50 लाख रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार के रखाइन प्रांत से विस्थापित होकर सीमापार कर बांग्लादेश में शरण लेने को विवश होना पड़ा था। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कुशल, कार्यरत और अंग्रेजी भाषी प्रवासियों को जगह देना चाहता है अमेरिका